14 बिंदुओं पर उपयोगिता देने में एचएम के छूट रहे पसीने
जिले के विभिन्न उच्च विद्यालयों में उपस्कर-उपकरण की खरीद में व्यापक पैमाने पर अनियमितता बरती गई है। विभागीय निर्देशों के अनुसार नियमानुसार खरीदारी नहीं होने के कारण विभाग जब विद्यालयों से उपयोगिता मांग रहा है तो हेडमास्टरों को उपयोगिता देने में पसीने छूट रहे हैं। इसको लेकर विभाग ने हेडमास्टरों पर कार्रवाई भी प्रारंभ कर दी है। विभाग ने पिछले अक्टूबर माह में ही 93 हेडमास्टरों का वेतन रोक दिया है। और अब उन पर विभागीय कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
बक्सर। जिले के विभिन्न उच्च विद्यालयों में उपस्कर-उपकरण की खरीद में व्यापक पैमाने पर अनियमितता बरती गई है। विभागीय निर्देशों के अनुसार नियमानुसार खरीदारी नहीं होने के कारण विभाग जब विद्यालयों से उपयोगिता मांग रहा है तो हेडमास्टरों को उपयोगिता देने में पसीने छूट रहे हैं। इसको लेकर विभाग ने हेडमास्टरों पर कार्रवाई भी प्रारंभ कर दी है। विभाग ने पिछले अक्टूबर माह में ही 93 हेडमास्टरों का वेतन रोक दिया है। और अब उन पर विभागीय कार्रवाई की तलवार लटक रही है। सवाल उठ रहा है कि आखिर हेडमास्टर उपयोगिता क्यों नहीं दे पा रहे हैं। जाहिर सी बात है, कमीशनखोरी के चक्कर में प्रधानाध्यापकों ने नियमों को दरकिनार कर दिया है। लिहाजा, अब जब विभाग 14 बिन्दुओं पर उपयोगिता की मांग कर रहा है तो हेडमास्टर उसे देने में आनाकानी कर रहे हैं। वैसे विभागीय सूत्रों की मानें तो कुछेक विद्यालयों ने 14 बिन्दुओं पर उपयोगिता जमा कर दी है। इन विद्यालयों में उच्च विद्यालय महदह, आदर्श उच्च विद्यालय चौसा, +2 उच्च विद्यालय तियरा समेत अन्य विद्यालय शामिल हैं। बताया जाता है कि इन विद्यालयों ने जेम पोर्टल के माध्यम से पॉपुलर साइंस से सामग्री की खरीद की थी। बहरहाल, जो भी हो उपस्कर-उपकरण का मामला इस समय जिले में हॉट केक बना हुआ है। जिला शिक्षा पदाधिकारी विजय कुमार झा का कहना है कि बार-बार स्मारित किए जाने के बाद भी हेडमास्टर 14 बिंदुओं पर उपयोगिता जमा नहीं कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वैसे हेडमास्टरों पर अब विभागीय कार्रवाई की जाएगी, जो उपयोगिता जमा करने में आनाकानी कर रहे हैं।