अब काम बोलेगा, नहीं चलेगी जाति की गोलबंदी
चुनाव के समय वे लोगों को इस कदर जातियों में बांट देते हैं कि लोग अपनी जाति के नेता को अपना भगवान समझने लगते हैं और आंख मूंदकर वहां अपना वोट दे देते हैं। पूर्व के चुनावों में ऐसा दिखा भी है लेकिन इस बार जनता ने जो जनादेश दिया है वह यही कह रहा है कि अब काम बोलेगा- अब जाति की गोलबंदी नहीं चलेगी।
बक्सर । चुनाव के समय वे लोगों को इस कदर जातियों में बांट देते हैं कि लोग अपनी जाति के नेता को अपना भगवान समझने लगते हैं और आंख मूंदकर वहां अपना वोट दे देते हैं। पूर्व के चुनावों में ऐसा दिखा भी है लेकिन, इस बार जनता ने जो जनादेश दिया है वह यही कह रहा है कि अब काम बोलेगा- अब जाति की गोलबंदी नहीं चलेगी। जाहिर सी बात है, बक्सर लोकसभा क्षेत्र में अगर केवल जातीयता पर वोट हुआ होता तो यहां की तस्वीर कुछ और ही होती। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ बल्कि लोगों ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। उन लोगों ने मोदी सरकार में संभावनाएं देखी और एनडीए के उम्मीदवारों को जिताया।
अब अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में जाहिर सी बात है उसमें भी यही फैक्टर काम करेगा। या यूं कहें कि सिर चढ़कर बोलेगा। इस परिस्थिति में श्री चौबे के लिए यहां की जनता का विश्वास जीतना जरूरी होगा। जानकारों का मानना है कि लोकसभा चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार श्री चौबे को लेकर जनता में नाराजगी थी लेकिन उसके बाद भी जनता ने श्री चौबे में ही अपना विश्वास जताया। लेकिन अब जनता के इस विश्वास को कायम रखना उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। दूसरे शब्दों में कहें तो विधानसभा चुनाव से पूर्व उन्हें जनता का विश्वास पूरी तरह से जीतना होगा। तभी छह विधानसभा वाले इस लोकसभा की जनता विधानसभा में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकेगी। चुनाव से ठीक पहले चौसा पॉवर प्लांट, रेल ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य, डुमरांव में मेडिकल कॉलेज और गोकुल ग्राम समेत कई योजनाओं का शिलान्यास हुआ। अब इन कार्यों को धरातल पर उतारने में तेजी लानी होगी।
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