Move to Jagran APP

नया नियम बना बहाना, शिक्षक रो रहे वेतन का रोना

बक्सर जिले के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को अब वेतन भुग

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 09:41 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 09:41 PM (IST)
नया नियम बना बहाना, शिक्षक रो रहे वेतन का रोना

बक्सर : जिले के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को अब वेतन भुगतान स्टेट बैंक के माध्यम से होना है। पहले इनका भुगतान मध्य बिहार ग्रामीण बैंक के खाते से होता था। ऐसे में विभाग के लिए एसबीआई का सैलरी पैकेज स्कीम बहाना बन गया है और शिक्षक वेतन का रोना रो रहे हैं। विभागीय सूत्रों की मानें तो सरकार ने सितंबर माह से ही शिक्षकों को एसबीआई सैलरी पैकेज स्कीम के अंतर्गत एसबीआई के माध्यम से भुगतान का आदेश विभाग को दिया था। बाद में फिर सरकार ने सितंबर का भुगतान एमबीजीबी से और अक्टूबर से एसबीआई के माध्यम से करने का निर्देश जारी किया। लेकिन, विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि नवंबर का महीना खत्म होने के कगार पर है और विभाग ने अभी तक शिक्षकों के वेतन भुगतान की प्रक्रिया को पूरा नहीं किया। इस परिस्थिति में लगन के इस मौसम में शिक्षकों के समक्ष पैसों के लाले पड़े हुए हैं और विभाग है कि नए नियम का हवाला दे रहा है। जिला शिक्षा पदाधिकारी दिवेश कुमार चौधरी कहते हैं, नई प्रक्रिया से भुगतान के कारण विलंब हो रहा है। हालांकि, एक सप्ताह में यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। जबकि, विभागीय सूत्रों का मानना है कि विभाग इस मामले में घोर लापरवाही बरत रहा है। विभाग की कार्य करने की गति इतनी धीमी है कि अभी तक नियोजन इकाइयों का खाता तक बैंक में नहीं खुला है। माध्यमिक शिक्षक संघ के राज्य कार्यसमिति सदस्य अनिल चतुर्वेदी ने वेतन भुगतान मामले में जिलाधिकारी अमन समीर से हस्तक्षेप की मांग की है। वहीं, एमएलसी प्रतिनिधि ब्रजेश कुमार राय ने इसके लिए डीईओ एवं डीपीओ स्थापना को दोषी ठहराया है। उन्होंने बताया कि दो माह हो गए आदेश आए हुए। उसके बाद भी विभाग की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। वहीं, शंकर प्रसाद ने वेतन भुगतान न होने की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी दी है।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.