गांव में हत्या के बाद ही मनोज ने अपराध की दुनिया में रखा था कदम
संवाद सहयोगी ब्रह्मपुर (बक्सर) हत्या ओर लूट समेत कई संगीन मामलों का अपराधी कुख्यात मनोज य
संवाद सहयोगी, ब्रह्मपुर (बक्सर) : हत्या ओर लूट समेत कई संगीन मामलों का अपराधी कुख्यात मनोज यादव पहली बार अपने गांव में एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या किया था। घटना को अंजाम देने के बाद घर से फरार मनोज यादव ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक कर लगातार वारदात को अंजाम देने में लग गया। जल्द ही उसका शुमार क्षेत्र के खुंखार अपराधियों में होने लगा और इसके बाद मनोज यादव हत्या आदि की सुपारी भी लेने लगा था। हर घटना के बाद पुलिस लगातार उसकी पीछा करती रही लेकिन अपना ठिकाना बदलते हुए डकैती और लूट की घटनाओं में उसकी लगातार सक्रियता बनी रही। पुलिस द्वारा पूछताछ करने के बाद कई घटनाओं में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है। बगेन थाना के बराढ़ी गांव निवासी मनोज यादव पहली बार वर्ष 2016 में अपने गांव के ही विद्यासागर सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या के इस वारदात में भाई के गिरफ्तार होने और घर में कुर्की जब्ती होने के बाद भी यह पुलिस की पकड़ में नहीं आया। इसके कुछ ही दिनों बाद फिर एक व्यक्ति को गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। इसी तरह नवानगर थाना क्षेत्र के रूप सागर गांव के पास भी एक व्यक्ति को गोली मारी थी। एनएच 130 पर वर्ष 2021 में भी एक व्यक्ति को गोली मारकर लूटपाट के बाद वाहन में आग लगा दिया था। पुलिस के अनुसार भोजपुर जिला के शाहपुर थाना अंतर्गत कुंडेश्वर गांव के पास पिकअप और 70 हजार रुपए लूट की घटना को भी मनोज ने ही अंजाम दिया था। दोनों ही घटना 20 दिन के अंतराल पर हुई थी। इसी प्रकार धनगाई थाना क्षेत्र में भी एक सीएसपी संचालक से लूटपाट की घटना को अंजाम दिया था। बक्सर और भोजपुर की पुलिस कई साल से उसका पीछा कर रही थी। लेकिन आज तक वह पुलिस की पकड़ में नहीं आया। पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार सिंह ने इसकी गिरफ्तारी के लिए जब एसआइटी का गठन किया तब पुलिस के तकनीकी अनुसंधान के आधार पर पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले में कुख्यात के होने की सूचना मिली। बताया जाता है कि अपराध की दुनिया में कदम रखने के बाद पहली बार बक्सर एसआइटी को मनोज यादव को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। बक्सर पुलिस इस गिरफ्तारी को अपनी बड़ी उपलब्धि मान रही है। पुलिस के अनुसार मनोज यादव का अपराध क्षेत्र बक्सर और भोजपुर का सीमावर्ती क्षेत्र ही मुख्य रूप से था और हर बार वारदात को अंजाम देकर वह पश्चिम बंगाल भाग जाता था।