Move to Jagran APP

जागरण विशेष : आर्सेनिक के दुष्प्रभाव को खत्म करता है एक चम्मच गिलोय पाउडर

बक्सर आर्सेनिक से दूषित भूगर्भ जल क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए राहत की खबर है। प्रतिदिन

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 05:04 PM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 01:35 AM (IST)
जागरण विशेष : आर्सेनिक के दुष्प्रभाव को खत्म करता है एक चम्मच गिलोय पाउडर
जागरण विशेष : आर्सेनिक के दुष्प्रभाव को खत्म करता है एक चम्मच गिलोय पाउडर

बक्सर : आर्सेनिक से दूषित भूगर्भ जल क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए राहत की खबर है। प्रतिदिन गिलोय पाउडर का एक चम्मच सेवन उनके शरीर पर आर्सेनिक के दुष्प्रभावों को कम कर सकता है। महावीर कैंसर शोध संस्थान के वैज्ञानक और बक्सर के निवासी डॉ.अरुण कुमार ने अपनी शोध में यह दावा किया है। शोध का पूरा ब्यौरा जर्मनी का प्रतिष्ठित जर्नल स्प्रिंगर और बॉयोमेटल्स के इसी साल सात अक्टूबर को जारी अंक में प्रकाशित किया गया है।

loksabha election banner

बक्सर समेत गंगा बेसिन से सटे बिहार के कई जिले आर्सेनिक से प्रभावित हैं। इन क्षेत्रों के लिए नए शोध को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। डॉ.अरुण के नेतृत्व में अनुग्रह नारायण कॉलेज, पटना में पीएचडी छात्र विकास कुमार, सुशील कुमार सिंह एवं विवेक अखौरी की टीम ने एक साल तक मेहनत कर इस पर अपना शोध प्रस्तुत किया है। टीम ने चूहे पर शोध के दौरान पाया कि गिलोय आर्सेनिक के दुष्प्रभावों को कम कर यकृत और गुर्दे के कार्य को सामान्य करता है। ऐसे में गिलॉय को आर्सेनिक प्रभावित क्षेत्र के लोगों के बीच उपयोग के लिए संस्तुति की जा सकती है। शोध में प्रतिदिन एक टेबल-चम्मच अर्थात एक ग्राम की खुराक की सिफारिश की गई है। शोध के सबंध में बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड के अध्यक्ष प्रो.अशोक कुमार घोष का कहना है कि आर्सेनिक प्रभावित क्षेत्रों के लिए यह शोध वरदान है।

क्या है गिलोय

गिलोय को अमृता नाम से भी जाना जाता है। यह गिलॉय शहर की अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में उपलब्ध पाया जाता है। गिलोय का वनस्पतिक नाम टीनोस्पोरा कॉर्डियोफोलियो है। कुछ महीने पहले डॉ.अरुण की टीम ने रक्त चंदन के बीज से स्तन कैंसर के इलाज पर शोध किया था।

------------------------

हमलोगों का शोध आर्सेनिक क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है, हेल्थ जर्नल में मान्यता मिलने से उन लोगों की मेहनत सफल हो गई।

डॉ.अरुण कुमार, वैज्ञानिक।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.