शिक्षा विभाग में हुआ लाखों का अनियमित एरियर भुगतान
बक्सर गलत कार्यों के लिए अक्सर चर्चा में रहने वाला शिक्षा विभाग एक बार फिर चर्चा में आ गया ह
बक्सर : गलत कार्यों के लिए अक्सर चर्चा में रहने वाला शिक्षा विभाग एक बार फिर चर्चा में आ गया है। मामला शिक्षकों के लाखों रुपये के एरियर भुगतान से संबंधित है। बताया जाता है कि सेवानिवृत्ति से एक दिन पूर्व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना रामेश्वर सिंह ने यह गुल खिलाया और संबंधित बीईओ द्वारा बिल नहीं भेजे जाने के बाद भी शिक्षकों को लाखों रुपये के एरियर का भुगतान कर दिया गया। जिला शिक्षा पदाधिकारी विजय कुमार झा ने इसे गलत ठहराया है। उन्होंने बताया कि यह बहुत गंभीर मामला है। डीईओ ने बताया कि यह मामला पुष्ट हो चुका है कि भुगतान हुआ है। हालांकि, कितने का भुगतान हुआ है इस बारे में वह स्पष्ट नहीं बता पाए। बुधवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी इसकी तहकीकात करने के लिए मध्य बिहार ग्रामीण बैंक भी गए। परन्तु, वहां से उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गई। दूसरी तरफ सेवानिवृत्त स्थापना डीपीओ ने बताया कि एमजेसी के इस मामले में मार्च माह में ही भुगतान करने के लिए कहा गया था। जबकि, सूत्रों की मानें तो अवमाननावाद में ऐसा कोई आदेश पारित नहीं हुआ है। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि सेवानिवृत्ति से एक दिन पूर्व नियमों को ताक पर रखकर डीपीओ स्थापना ने किस स्वार्थ में और कैसे शिक्षकों को यह भुगतान कर दिया। वह भी तब जब उनके द्वारा मांगे जाने के बाद भी संबंधित बीईओ ने इसका बिल नहीं दिया। बीईओ ने मांगा था डीईओ से मार्गदर्शन, डीईओ ने संचिका वर्ष 2015 में नियोजित करीब 21 शिक्षकों के बकाया वेतन भुगतान के लिए ब्रह्मपुर बीईओ ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से 26 जून को मार्गदर्शन मांगा। जिसके बाद डीईओ ने डीपीओ स्थापना को संचिका उपस्थापित करने के लिए कहा लेकिन, डीपीओ स्थापना ने संचिका उपस्थापित नहीं कर आनन-फानन में सेवानिवृत्ति से एक दिन पूर्व 29 जून को शिक्षकों को भुगतान कर दिया। जबकि, बीईओ द्वारा मांगे गए मार्गदर्शन में उन्होंने कहा है कि जब वेतन निर्धारण होता है तो पहले नए निर्धारण के अनुसार अद्यतन वेतन का भुगतान होता है, उसके बाद बकाया अंतर वेतन का भुगतान किया जाता है। बकाया वेतन का भुगतान निदेशक के आदेश की अवहेलना बीईओ द्वारा मांगे गए मार्गदर्शन में कहा गया है कि निदेशक माध्यमिक शिक्षा द्वारा यह पत्र जारी किया गया है कि फिलहाल किसी प्रकार का बकाया वेतन का भुगतान नहीं करना है और केवल अद्यतन वेतन का भुगतान करना है। ऐसे में बकाया वेतन का भुगतान करना निदेशक के आदेश की अवहेलना है। बीईओ ने मार्गदर्शन में कहा है कि 2019 में जो प्रशिक्षित हुए हैं, उनके बकाया राशि का भुगतान किसी जिले में नहीं हुआ है। इस परिस्थिति में उन्होंने मार्गदर्शन मांगा है कि पहले अद्यतन वेतन का भुगतान किया जाए या बकाया वेतन का। जबकि, डीपीओ ने बकाया वेतन का भुगतान कर दिया। बीईओ की बनाई ऋणात्मक सूची के आधार पर होता है भुगतान विभागीय सूत्रों की मानें तो नियोजित शिक्षकों के वेतन या अंतर वेतन का भुगतान संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बनाई गई ऋणात्मक सूची के आधार पर ही होता है। बताया जाता है कि डीपीओ बीईओ द्वारा बनाए गए बिल को बैंक में फारवर्ड कर देते हैं। बावजूद, स्थापना डीपीओ ने उसे दरकिनार करते हुए खुद ही क्लर्क से बिल बनवा उसे भुगतान के लिए बैंक में भेज दिया।