नमूना लेने के एक साल बाद भी नहीं मिला हेल्थ कार्ड
बक्सर खेतों की सेहत की जांच और उसी के अनुसार मिट्टी में रसायन का छिड़काव कृषि विभाग क
बक्सर : खेतों की सेहत की जांच और उसी के अनुसार मिट्टी में रसायन का छिड़काव कृषि विभाग की ड्रीम प्रोजेक्ट है। बक्सर में इस योजना का हश्र काफी बुरा है। नावानगर प्रखंड के आथर पंचायत के खेतों से मिट्टी के नमूने तो लिए गए, लेकिन एक साल बाद भी किसानों को मृदा हेल्थ कार्ड नहीं मिला। विभाग की लापरवाही और ढुलमुल रवैये के कारण किसान बिना जाने अंधाधुंध रसायनिक खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे मिट्टी की उर्बरा शक्ति बर्बाद हो रही है।
-------------------
मिट्टी जांच के नमूने को ले जाने के बाद कोई कार्ड आज तक मुहैया नहीं कराया गया, जानकारी के अभाव में आज भी हम पुराने ढर्रे पर खेती कर रहे हैं।
हीरा मिश्रा मिट्टी जांच के लिये खेतों से नमूने लेते समय जांच के फायदे बता गए थे, लेकिन मृदा स्वास्थ्य कार्ड नहीं दिया गया, ऐसी योजना किसानों को कोई लाभ नहीं हो रहा है।
जगनारायण तिवारी लंबे समय से रासायनिक खाद का इस्तेमाल कर खेती की जा रही है, उन लोगों को जांच रिपोर्ट का बेसब्री से इंतजार था, लेकिन मायूसी हाथ लगी।
मुकेश खरवार किसानों के लिये सरकार की हर योजना बेमानी साबित हो रही है, मृदा परीक्षण जांच योजना भी उनमें से एक है।
पारस मिश्रा मृदा स्वास्थ्य कार्ड खरीफ की खेती से पहले तो नहीं मिला, अब रबी से पहले देंगे तो उसका कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि नमूने एक साल पहले लिए गए थे।
जगदीश सिह
--------------------
मृदा स्वास्थ्य कार्ड के लिये 11 जुलाई 2019 को कार्ड वितरण के लिये शिविर लगाया गया था, लेकिन किसी कारण से किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड नही मिला। कार्ड किसानों को क्यों नहीं मिला, इसकी जांच कराई जाएगी।
सूरज प्रसाद, नावानगर के कृषि पदाधिकारी