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विदेश की मंडियों में बिकेंगी बक्सर की हरी सब्जियां

राज्य के 38 जिलों में कुछ जिले ऐसे हैं जहां मुख्य रूप से सब्जी का उत्पादन किया जाता है। जिनमें बक्सर का भी नाम शुमार है। सूबे के ऐसे 15 जिलों का चयन कर सभी जिलों में कलस्टर के माध्यम से हरी सब्जियों का संग्रह किया जाएगा और उन्हें विदेशों में भेजा जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 05:40 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 05:40 PM (IST)
विदेश की मंडियों में बिकेंगी बक्सर की हरी सब्जियां
विदेश की मंडियों में बिकेंगी बक्सर की हरी सब्जियां

बक्सर । राज्य के 38 जिलों में कुछ जिले ऐसे हैं जहां मुख्य रूप से सब्जी का उत्पादन किया जाता है। जिनमें बक्सर का भी नाम शुमार है। सूबे के ऐसे 15 जिलों का चयन कर सभी जिलों में कलस्टर के माध्यम से हरी सब्जियों का संग्रह किया जाएगा और उन्हें विदेशों में भेजा जाएगा। विदेश की मंडियों के माध्यम से ये सब्जियां उन देशों में बेची जाएंगी। उक्त जानकारी कृषि मंत्री डॉ.प्रेम कुमार ने दी। वे गुरुवार को बक्सर में संयुक्त कृषि भवन का उद्घाटन करने पहुंचे थे।

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उन्होंने बताया कि बिहार की 89 फीसद आबादी गांवों में निवास करती है। जिनका मुख्य पेशा कृषि है। ऐसे में कृषि को बढ़ावा देने के साथ ही किसानों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रकार की योजनाएं बनाई गई हैं। जिनमें सबसे महत्वपूर्ण है किसानों को दिया जा रहा स्वायल हेल्थ कार्ड। इसकी मदद से किसानों का खेती करने में होनेवाले अनावश्यक खर्च को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। हालांकि, मंत्री ने इस बात का जिक्र नहीं किया कि बक्सर स्वाइल हेल्थ कार्ड बनाने में पिछड़ा हुआ क्यों है? उन्होंने बताया कि राज्य के सभी पंचायतों में 42 करोड़ की लागत से पंचायत कार्यालय बनाने की योजना चल रही है। जहां बैठे किसान सलाहकार और समन्वयक किसानों को उनकी समस्याओं का निदान करने में सहायक होंगे। उन्होंने बताया कि सर्वप्रथम 2008 में राज्य में कृषि के विकास के लिए कृषि रोडमैप लाया गया। जिसके बाद सूबे में धान का रिकार्ड उत्पादन हुआ। इसके बाद 2013 में गेहूं तथा 2016 में मक्का का रिकार्ड उत्पादन हुआ है। राज्य में अभी भी एक लाख 54 हजार करोड़ की लागत से कृषि रोडमैप का कार्य संचालित किया जा रहा है। राज्य में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए पारंपरिक खेती से अलग हटकर उन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिससे बागवानी, वर्मी कम्पोस्ट, पशुपालन, मधुमक्खी पालन आदि को पेशा के रूप में अपनाते हुए किसान अपनी आमदनी बढ़ा सके। उन्होंने बताया कि बिहार के कई जिले ऐसे हैं जहां विशेष फसलों का उत्पादन होता है। ऐसे क्षेत्र को बढ़ावा देने के साथ ही उत्पादकों की आमदनी बढ़ाने के लिए कलस्टर बनाए जा रहे हैं। इसके लिए बक्सर, नालंदा और गया समेत राज्य के 15 जिलों का चयन किया गया है। इन जिलों के उत्पाद को कलस्टर के माध्यम से खरीदकर उन्हें विदेशों तक पहुंचाया जाएगा। जिससे विदेशियों को भी बक्सर की सब्जी का चटपटा स्वाद मिल सके। 4.31 करोड़ से बना कृषि भवन का लोकार्पण इसके पूर्व कृषि मंत्री ने नगर के बाजार समिति रोड में चार करोड़ 31 लाख की लागत से बने संयुक्त कृषि भवन का उद्घाटन करते हुए राज्य की कई योजनाओं के शिलापट्ट का अनावरण भी किया। मौके पर कई योजनाओं के लाभुकों को स्वीकृति पत्र तथा पेड़ पौधे प्रदान किए गए। इस अवसर पर कृषि मंत्री का बुके, प्रतीक चिन्ह और अंगवस्त्र आदि देकर स्वागत किया गया। केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार भी किसानों को उनकी लागत की डेढ़ गुनी कीमत देने की योजना है। इस अवसर पर विभाग के संयुक्त निदेशक उमेश कुमार मंडल, जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णानंद चक्रवर्ती, पीडी आत्मा देवनंदन राम, भाजपा के परशुराम चतुर्वेदी, प्रदीप दूबे, लोजपा जिलाध्यक्ष अखिलेश ¨सह, भाजपा की पूनम देवी, भरत प्रधान आदि के अलावा विभाग के संजय श्रीवास्तव, चंदन कुमार ¨सह, रघुकुल तिलक आदि के साथ सैकड़ों किसान मौजूद थे।


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