गोकुल ग्राम पूरा होने के बाद आएगी श्वेत और हरित क्रांति
18 करोड़ की लागत से प्रांत का इकलौता गोकुल ग्राम की स्थापना को लेकर केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री सह बक्सर सांसद अश्विनी चौबे द्वारा आधारशिला रखे जाने के बाद नागरिकों में हर्ष व्याप्त है।
बक्सर । 18 करोड़ की लागत से प्रांत का इकलौता गोकुल ग्राम की स्थापना को लेकर केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री सह बक्सर सांसद अश्विनी चौबे द्वारा आधारशिला रखे जाने के बाद नागरिकों में हर्ष व्याप्त है। नागरिकों में हरियाणा फार्म के दिन बहुरने की उम्मीद जाग उठी है। एक बार फिर हरियाणा फार्म में श्वेत क्रांति तथा हरित क्रांति आना तय माना जा रहा है। केन्द्र सरकार की प्रायोजित योजना के अन्तर्गत गोकुल ग्राम की स्थापना हरियाणा फार्म के 78 एकड़ भू-भाग में होगी।
इस आशय की जानकारी देते हुए गोकुल ग्राम प्रोजेक्ट के निदेशक डॉ.डी.के. ठाकुर ने बताया कि गोकुल ग्राम की स्थापना के लिए प्राक्कलित राशि 18 करोड़ के विरुद्ध केन्द्र सरकार ने करीब 8 करोड़ की राशि बतौर केन्द्रांश निर्गत कर दिया है। श्रीठाकुर ने बताया कि गोकुल ग्राम की स्थापना को भवन, शेड, गोबर गैस प्लांट, दुग्ध प्लांट एवं अन्य मशीनरी सामानों की खरीद के लिए निविदा हो चुकी है। डुमरांव स्थित गोकुल ग्राम योजना सूबे की इकलौती योजना है। गोकुल ग्राम में 5 सौ देशी गायों का संरक्षण एवं संवर्द्धन किया जाएगा। यहां दुग्ध उत्पादन के अलावा घी का निर्माण करने के बाद सूबे के बाजार में बिक्री की जाएगी। देशी गाय के दूध की महत्ता देखते हुए सरकार ने इस प्रोजेक्ट की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि महज डेढ़ साल के अंदर डुमरांव का गोकुल ग्राम सूबे के अनूठे मिशाल के रूप में धरातल पर मूर्त रूप में साकार हो जाएगा।