सास-बहू-बेटी सम्मेलन से परिवार नियोजन अभियान को मिलेगी गति
बक्सर जनसंख्या स्थिरीकरण अभियान को बढ़ावा देने तथा लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक
बक्सर : जनसंख्या स्थिरीकरण अभियान को बढ़ावा देने तथा लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य सभी प्रखंडों में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इस पूरे अभियान को सफल बनाने की जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ताओं और आंगनबाड़ी सेविकाओं को दी गई है, जो ग्रामीण इलाकों में पुरुष और महिलाओं को परिवार नियोजन के साधनों के लिए प्रेरित कर रही हैं।
इसी क्रम में बुधवार को सदर प्रखंड में अभियान की मानीटरिग और गतिविधियों का जायजा लेने के लिए आशा कार्यक्रम के राज्य स्तरीय टीम लीडर प्रणय कुमार पहुंचे। उन्होंने पांडेय पट्टी में आशा कार्यकर्ता द्वारा क्षेत्र में परिवार नियोजन, डायरिया दस्त नियंत्रण पखवारा के कार्य की घर-घर जाकर मानीटरिग की तथा एचडब्ल्यूसी में ओआरएस व जिक कार्नर एवं एनसीडी की मानीटरिग की। वहीं, छोटका नुआंव के मिलिकिया गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 95 आरोग्य दिवस का जायजा लिया और सास बहू बेटी सम्मलेन में शामिल हुए। उसके बाद सम्मेलन में शामिल महिलाओं को सम्मानित कर कार्यक्रम का समापन किया। मानीटरिग के क्रम में उनके साथ सदर प्रखंड के बीसीएम प्रिस कुमार सिंह मौजूद थे।
परिवार के दोनों सदस्यों को जागरूक करना जरूरी
प्रणय कुमार ने आंगनबाड़ी केंद्र में आयोजित सास बहू बेटी सम्मेलन में शामिल महिलाओं को बताया कि जनसंख्या स्थिरीकरण को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से सरकार ने सास-बहू बेटी सम्मेलन कराने का निर्णय लिया है। सास-बहू में सामंजस्य स्थापित करते हुए परिवार नियोजन अभियान को बल दिया जा सके। इसके लिए एक साथ परिवार के दोनों सदस्यों को जागरूक करना जरूरी है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि मध्यम परिवारों में विशेषकर ग्रामीण इलाकों में सास और बहू के विचारों में मतभेद होता है। इसलिए एक मंच पर दोनों को लेकर परिवार नियोजन के फायदों को समझाने से दोनों में इस पर सहमति बन सकती है।
महिलाओं को परिवार नियोजन के फायदों की दी जा रही जानकारी
बीसीएम प्रिस कुमार सिंह ने बताया कि सास बहू बेटी सम्मेलन के माध्यम से केवल सास बहू के बीच सामंजस्य स्थापित करना नहीं है। इसके माध्यम से महिलाओं को परिवार नियोजन के फायदों के बारे में भी बताना है। साथ ही, इसके माध्यम से पुरुषों को परिवार नियोजन के स्थायी साधनों के प्रति रुझान पैदा करवाना है। सम्मेलन में शामिल सभी महिलाओं को परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी साधन व उसके फायदों की विस्तृत जानकारी भी देनी है। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में महिलाओं को यह भी बताया जा रहा है कि लड़का व लड़की की शादी की सही उम्र क्या है। किस उम्र में शादी के बाद पहला बच्चा कब हो और शादी के दूसरे बच्चे में कम से कम तीन साल का अंतर हो।