रसायनिक खाद के अधिक उपयोग से मृदा को खतरा
रकाश डालते हुए होनेवाले नुकसान से अवगत कराया गया। बताया गया कि किस तरह किसान खाद एवं उर्वरकों के संतुलित प्रबंधन से उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। वहीं उर्वरकों के अधिक उपयोग से मृदा को होनेवाले नुकसान से बचाया जा सकता है। इस मौके पर समय-समय पर मृदा जांच कराने एवं जांच के लिए नमूना एकत्रित करने की विधि पर भी जानकारी दी गई। मौके पर महाविद्यालय के कार्यकारी
बक्सर : गुरुवार को वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज डुमरांव में विश्व मृदा दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। कॉलेज के छात्रों के बीच प्रश्नोत्तरी और निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें कॉलेज के छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस मौके पर मृदा विज्ञान विभाग के सहायक अध्यापक बिरेंदर सिंह के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि समाज एवं किसानों में मृदा स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रत्येक वर्ष 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस का आयोजन किया जाता है।
मृदा क्षरण के कारण एवं निवारण विषय पर प्रकाश डालते हुए होनेवाले नुकसान से अवगत कराया गया। बताया गया कि किस तरह किसान खाद एवं उर्वरकों के संतुलित प्रबंधन से उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। वहीं, उर्वरकों के अधिक उपयोग से मृदा को होनेवाले नुकसान से बचाया जा सकता है। इस मौके पर समय-समय पर मृदा जांच कराने एवं जांच के लिए नमूना एकत्रित करने की विधि पर भी जानकारी दी गई। मौके पर महाविद्यालय के कार्यकारी प्राचार्य डॉ.धनंजय कुमार सिंह, डॉ.शांति भूषण, डॉ.प्रणव पांडे, शिवकुमार चौधरी, डॉ.उदय कुमार, डॉ.आनंद कुमार जैन, डॉ.रंजीत कुमार सहित अन्य संकाय सदस्य उपस्थित थे। आयोजित कार्यक्रम का संचालन डॉ.वीरेंद्र सिंह ने किया।