कंटेनमेंट जोन में नियमित सैनेटाइजेशन पर जोर, डीएम ने दिया निर्देश
बक्सर अमूमन किसी इलाके में कोरोना पॉजिटिव मरीज की पुष्टि होने के बाद वहां बनाए जा रहे
बक्सर : अमूमन किसी इलाके में कोरोना पॉजिटिव मरीज की पुष्टि होने के बाद वहां बनाए जा रहे कंटेनमेंट जोन में कंटेनमेंट जोन बनाए जाने से पूर्व एक बार संबंधित घर एवं उसके आसपास के इलाके को सैनेटाइज कर दिया जा रहा है। लेकिन, अब ऐसा नहीं चलेगा। जिलाधिकारी अमन समीर ने कंटेनमेंट जोन में नियमित सैनेटाइजेशन करवाने का निर्देश दिया है। साथ ही 06183-295701 नंबर पर पॉजिटिव मरीजों द्वारा चिकित्सकीय परामर्श की सुविधा प्रदान करने की भी जानकारी प्रदान की गई।
जिलाधिकारी ने मंगलवार को बक्सर एवं डुमरांव दोनों अनुमंडल के अनुमंडल पदाधिकारी को यह निर्देश जारी किया। वह वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए कोविड-19 के संक्रमण से उत्पन्न स्थिति में किए जा रहे प्रशासनिक एवं चिकित्सकीय कार्यों की गहन समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान जिलाधिकारी ने कंटेनमेंट जोन के नियमित सैनेटाइजेशन पर जोर दिया और इस आशय का फरमान जारी किया। यहां बता दें कि स्थानीय नागरिक भी इसकी मांग कर रहे थे कि जिन इलाकों में पॉजिटिव मरीज पाए जा रहे हैं, उन इलाकों को नियमित सैनेटाइज किया जाए। ताकि, कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोका जा सके। जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी कन्हैया कुमार ने बताया कि इस क्रम में जिलाधिकारी द्वारा बैठक में प्रतिदिन कोविड-19 से प्राप्त डाटा का विश्लेषण करने के लिए टीम गठित कर दिए जाने की जानकारी दी गई। वहीं, कंटेनमेंट जोन में प्रतिदिन की प्रमुख प्रशासनिक एवं चिकित्सकीय गतिविधियों को अपर समाहर्ता के द्वारा पर्यवेक्षण करने का भी निर्देश दिया गया। बैठक में अपर समाहर्ता, सिविल सर्जन एवं वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
कहीं 11 तो कहीं 14 दिन बाद बना कंटेनमेंट जोन
जिले में एक तरफ जहां संक्रमण का दायरा लगातार बढ़ रहा है और इसको लेकर लोगों को अधिक से अधिक सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। यहां तक कि जिलाधिकारी के स्तर से हर रोज सख्त हिदायत दी जा रही है। वहीं, सूत्रों की मानें तो शहर में कहीं 11 तो कहीं 14 दिन बाद भी कंटेनमेंट जोन बनाए जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो पुराना सदर अस्पताल रोड में एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के 11 दिनों के बाद उसके घर की घेराबंदी की गई तो चीनी मिल मोहल्ले में एक व्यक्ति के पॉजिटिव आने के 14 दिन बाद घेराबंदी की कार्रवाई पूरी की गई। अब इस परिस्थिति में सवाल खड़ा हो रहा है कि फिर इतने दिनों बाद घर घेरने और कंटेनमेंट जोन बनाए जाने का औचित्य ही क्या है। शहर के प्रबुद्ध नागरिकों का कहना है कि संबंधित विभाग को इस पर तुरंत एक्शन लेना चाहिए और पॉजिटिव व्यक्ति के घर की घेराबंदी भी शीघ्र करनी चाहिए। ताकि, आसपास के लोगों को भी इसके बारे में जानकारी हो सके और वे भी सजग रह सकें।