बर्बाद हो रही फसल, किसानों की मेहनत पर पानी फेर रहीं नीलगायें
बक्सर नावानगर व केसठ प्रखंड में इन दिनों नीलगायों के आंतक से किसान परेशान हैं। नीलगायों
बक्सर : नावानगर व केसठ प्रखंड में इन दिनों नीलगायों के आंतक से किसान परेशान हैं। नीलगायों को झुंड रात में खेतों में वितरण कर रही हैं। इस दौरान गेहूं की फसल को बर्बाद कर किसानों की मेहनत पर पानी फेर दे रही हैं। रातों-रात नीलगायों फसल को चरने चरने और बर्बाद करने से किसानों की कमर टूट जा रही है। किसान अपनी फसलों को गीलगायों से बचाने के लिए ठंड के इस मौसम में खेतों में पहरा दे रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी ये अपनी फसल को नीलगाय के झुंड से बचा नहीं पा रहे हैं।
इस सीजन में गेहूं की बुआई के समय डीएपी की किल्लत किसानों को झेलनी पड़ी। अभी यूरिया की कमी को लेकर किसान परेशान हैं। इस बीच खेतों में लहलहा रही गेहूं की फसल पर नीलगाय आफत बन कर आई हैं। इन दिनों देवपुरा टोला, अमीरपुर, जितवाडीह, केसठ, गोविनापुर, रामपुर व इसके आसपास के क्षेत्रों में नीलगाय झुंड विचरण कर रही हैं। ये नीलगाय रात में रणवीरपुर जंगल के आसपास व काव नदी में के किनारे से निकल कर फसलों को नुकसान पहुंचा रही हैं। नीलगायों का झुंड खेत में लगी गन्ने, गेंहू, सब्जी सहित दलहन के फसलों को चरने के साथ नुकसान पहुंचा रही हैं। किसानों को इससे बचाव का कोई उपाय नहीं सूझ रहा है। किसान विनोद सिंह, महेंद्र सिंह, राजकुमार, जगनारायण कुशवाहा आदि ने बताया कि वे लोग नीलगाय के आतंक से त्रस्त हैं। इलाके के दर्जनों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो चुकी है। किसानों ने प्रशासन से नीलगाय के कहर से निजात दिलाए जाने की मांग की है। इस संबंध में प्रखंड कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार भास्कर ने बताया कि एमडीएफ तार नामक दवा का छिड़काव खेत के आड़ के एक मीटर की परिधि में करने पर नीलगाय के नुकसान से कुछ हद तक बचा जा सकता है। किसान इसका प्रयोग कर फसलों को नीलगाय से नुकसान से बचा सकते हैं।