होटलों में जश्न पर कोरोना भारी, रेत बनेंगे पिकनिक स्पॉट
बक्सर नूतन वर्ष के कदम रखने में महज दो दिनों का समय शेष रह गया है। कोरोना की वजह से सा
बक्सर : नूतन वर्ष के कदम रखने में महज दो दिनों का समय शेष रह गया है। कोरोना की वजह से साल 2020 लगभग पूरे साल उथल-पुथल भरा रहा। अब संभावनाओं से भरा नया साल आने को है और पुराने साल की विदाई और नए के स्वागत को यादगार बनाने की तैयारी चल रही है। हालांकि, इस बार कोरोना गाइडलाइन को देखते हुए नए साल की पूर्व संध्या पर होटलों में होने वाली पार्टियां नहीं होंगी। हालांकि, शहरवासियों ने साल के अंतिम समय को यादगार बनाने के लिए फैमिली पार्टी की पूरी तैयारी की है।
अधिकांश ने नए साल के जश्न के लिए गंगा के किनारे को चुना है। ऐसे में बालू की रेत पर इस बार खूब जश्न देखने को मिलेगा। गंगा के इस पार और उस पार बालू की रेत पर पार्टी का मजा लेने के लिए नाव की अग्रिम बुकिग भी शुरू हो गई है। 31 दिसंबर की रात से नए साल के स्वागत का जश्न शुरू होगा।
मां मंगला भवानी का आशीर्वाद लेकर शुरू करेंगे नया साल
नए साल के अवसर पर पहली जनवरी को मां मंगला भवानी का आशीर्वाद लेने के लिए नाव और स्टीमर से लोग उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिला बलिया के उजियार घाट तक जाते हैं। उनसे अच्छी कमाई की उम्मीद में नाविक भी अपनी नाव को दुरुस्त कर तैयार कर लिए हैं।
बुकिग शुरू, गंगा में नाव पर हिचकोले लेते हुए दिन को बनाएंगे यादगार
नाविक सरयू ने बताया कि छोटे-बड़े वाहनों के आवागमन से गंगा ब्रिज पूरी तरह जाम हो जाता है। इस वजह से नाव गंतव्य तक जाने के लिए एक अच्छा साधन है। गंगा में नाव पर हिचकोले लेते हुए उक्त दिन को लोग यादगार बनाते हैं। ऐसे में अभी से बुकिग शुरू हो गई है। बुकिग का कोई फिक्स रेट नहीं है लेकिन फैमिली को उस पार ले जाने और फिर वापस लाने के डेढ़-दो सौ रुपये मिल जाते हैं।
इस बार सामूहिक आयोजन नहीं
नई बाजार के प्रीतम ने बताया कि पिछले साल उन लोगों ने दोस्तों के साथ मिलकर एक मैरेज हॉल में पार्टी का आयोजन किया था। वहां गीत-संगीत होने के कारण भीड़ हो जाती है इसलिए इस बार सामूहिक आयोजन नहीं किया गया। हालांकि, करीबी दोस्तों के परिवार के साथ वे लोग गंगा पार जाएंगे और मंगला भवानी का दर्शन कर वहीं बालू की रेत पर पिकनिक मनाएंगे।