देर रात तक टस से मस नहीं हुए श्रोता
बक्सर। जिस शहर में शाम आठ बजे के बाद बाजारों से सन्नाटा पसर जाता है और नौ बजे के बाद इक्का-दुक्का वा
बक्सर। जिस शहर में शाम आठ बजे के बाद बाजारों से सन्नाटा पसर जाता है और नौ बजे के बाद इक्का-दुक्का वाहन ही सड़क पर दिखाई देते हैं। वहां, रविवार को एमपी हाईस्कूल में आधी रात तक हजारों की संख्या में भीड़ जुटी रही। दैनिक जागरण के तत्वावधान में संत जॉन सेकेंड्री स्कूल, जिला पार्षद प्रतिनिधि तथा वैष्णवी क्लार्क ग्रुप के चेयरमैन प्रदीप राय व विधायक शंभूनाथ यादव समेत अन्य के सहयोग से आयोजित कवि सम्मेलन में रात साढ़े बारह बजे कार्यक्रम खत्म होने तक श्रोता टस से मस नहीं हुए।
कार्यक्रम की शुरूआत से लेकर आखिर तक बक्सर के लोगों ने न सिर्फ साहित्य के पुरोधाओं का जमकर इस्तकबाल किया, बल्कि पूरी तन्मयता से उनके एक-एक अल्फाज को सुना। कवियों के बारी-बारी से आगमन के बीच सबसे अंत में अपने खास अंदाज के लिए पूरे देश में चर्चित गीतकार संतोष आनंद को सुनने के लिए एमपी हाईस्कूल में बैठे लोग बेताब रहे। देर रात जब उन्होंने माइक संभाला थोड़ी देर के लिए पूरे ग्राउंड पर चुप्पी छा गई। परंतु, अगले ही पल जैसे ही श्री कुमार के मुंह से पहली आवाज निकली और फिजां तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। एसपी मो.अब्दुल्लाह और एसडीएम केके उपाध्याय ने कहा कि जागरण के मंच पर यूं तो एक से बढ़ कर एक नगीने थे। परंतु, साहित्य शिरोमणि अशोक चक्रधर को सुनने की ख्वाहिश सबकी थी। कार्यक्रम में अंत तक जमे रहे अन्य लोगों ने भी कहा कि सभी कवियों ने न सिर्फ अपनी कविताओं से लोगों को खूब हंसाया, बल्कि सामाजिक संदेश भी दिए। यही वजह रही कि परिवार के साथ आए लोग भी रात ज्यादा ढलने के बावजूद कार्यक्रम खत्म होने तक टस से मस नहीं हुए।