जिले में 122 घाटों पर होगी छठपूजा, 25 घाट संवेदनशील घोषित
बक्सर लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर प्रशासनिक तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। गंगा घाटों पर बैरिकेडिग आदि का कार्य तेजी से हो रहा है। इस बार जिले में 122 घाटों पर महापर्व का आयोजन किया जाएगा। इसमें 25 घाट संवेदनशील घोषित किए गए हैं।
बक्सर : लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर प्रशासनिक तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। गंगा घाटों पर बैरिकेडिग आदि का कार्य तेजी से हो रहा है। इस बार जिले में 122 घाटों पर महापर्व का आयोजन किया जाएगा। इसमें 25 घाट संवेदनशील घोषित किए गए हैं। महापर्व को लेकर जिलाधिकारी अमन समीर एवं आरक्षी अधीक्षक नीरज कुमार सिंह का संयुक्त आदेश भी जारी हो गया है। जिसमें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही चिह्नित स्थलों पर दंडाधिकारी एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है। जिला मुख्यालय के शहरी इलाके में भी 15 घाटों पर महापर्व का आयोजन किया जाएगा। इसमें 7 घाटों को संवेदनशील घोषित किया गया है। इन घाटों पर महापर्व का आयोजन खतरनाक होगा। हालांकि, ऐसे घाटों पर जिला प्रशासन ने विशेष व्यवस्था की है। जिलाधिकारी अमन समीर ने बताया कि खतरनाक घाटों पर एनडीआरएफ के जवान मौजूद रहेंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए दोनों एसडीओ को निर्देशित कर दिया गया है। संयुक्त आदेश में कहा गया है कि घाटों पर अत्यधिक भीड़ के दौरान सामाजिक दूरी का अनुपालन करा पाना कठिन होगा। ऐसे में लोगों से अपील की गई है कि वे अधिकाधिक संख्या में घरों में सुबह और शाम का अर्घ्य दें।
जल लेकर जाने के दौरान भी मास्क का उपयोग जरूरी
संयुक्त आदेश में कहा गया है कि व्रती अगर नदी से जल लेकर जाना चाहें तो वे आसानी से जल लेकर जा सकते हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया के दौरान भी मास्क का उपयोग एवं सामाजिक दूरी का पालन करना अनिवार्य होगा। तभी कोरोना के संक्रमण के फैलाव को रोका जा सकता है।
अर्घ्य के स्थानों पर सैनिटाइजिग की होगी व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा एक तरफ जहां लोगों से उनकी सुरक्षा के लिए यह अपील की जा रही है कि वे घर पर ही छठ करें। बावजूद, इसके सभी तरह की तैयारियों को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। संयुक्त आदेश में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्र हों या शहरी इलाका छठ घाट पर जहां अर्घ्य दिया जाना है वहां अर्घ्य के पूर्व एवं उसके पश्चात सैनिटाइजेशन का कार्य संबंधित बीडीओ एवं नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी करेंगे। ये हैं शहर और प्रखंड के संवेदनशील घाट
जिला मुख्यालय के छोटकी सारीमपुर घाट, शिवाला घाट, रानी घाट, बुढ़वा शंकर घाट, फुआ घाट या कोहरा घाट, जहाज घाट और सुमेश्वर स्थान घाट को खतरनाक घाट घोषित किया गया है। इसके अलावा बक्सर प्रखंड अंतर्गत अहिरौली, अर्जुनपुर, चुरामनपुर पोखरा, कृतपुरा घाट, कम्हरिया तथा मिश्रवलिया घाट को खतरनाक घाट घोषित किया गया है।
चौसा में 7, इटाढ़ी में चार घाट खतरनाक घोषित
चौसा प्रखंड में भी महादेवा घाट, बाजार घाट, बारे मोड़ घाट, रानी घाट, चौबाहा बाबा घाट, धर्मावती नदी घाट तथा चुन्नी पोखरा घाट खतरनाक घाट घोषित किए गए हैं। इसी तरह इटाढ़ी में इटाढ़ी बाजार ठोरा नदी घाट, ठोरा नदी पकड़ी पुल घाट, कुकुढ़ा तालाब घाट तथा बसुधर स्थित ठोरा नदी घाट को संवेदनशील घाट के रूप में चिह्नित किया गया है।
सिमरी, ब्रह्मपुर और डुमरांव में भी एक दर्जन से अधिक घाट खतरनाक
डुमरांव अनुमंडल अंतर्गत सिमरी, ब्रह्मपुर और डुमरांव में भी एक दर्जन से अधिक घाटों को खतरनाक घाट की श्रेणी में रखा गया है। इनमें सिमरी में बड़कागांव बीस के डेरा, बलिहार गंगा नदी घाट, स्वामीजी का मठिया राजपुर-परसनपाह, दुल्लहपुर, रामदास के डेरा, राजापुर, केशोपुर हनुमान घाट तथा नगपुरा घाट, ब्रह्मपुर के ढा़बी उत्तरी तथा दक्षिणी घाट, बिहार घाट, पथलवा घाट, तिरसिया घाट, बालू घाट एवं ब्रह्मपुर शिव मंदिर तालाब को खतरनाक घाट की श्रेणी में रखा गया है। वहीं, डुमरांव के छठिया पोखरा, जंगली महादेव घाट, कृष्णाब्रह्म थाना परिसर तथा मठिला पोखरा को खतरनाक घाट घोषित किया गया है।