बक्सर : राजपुर के किसान राजेन्द्र राय समझ नहीं पा रहे हैं कि बंपर पैदावार देख खुश हों कि दुख हों। दो सप्ताह से ज्यादा समय से धान खलिहान में पड़े हैं, लेकिन सरकारी खरीद अभी शुरू नहीं हुई है। व्यापारी 1888 रुपये प्रति क्विंटल तय सरकारी दर के बदले नकदी में केवल 11 सौ रुपये में धान खरीद रहे हैं। दरअसल, अमरेंद्र प्रताप सिंह जब राज्य की कृषि मंत्री बने तब उनके गृह जिले के किसानों को खुशी इस बात की थी कि किसानों की समस्या का समाधान तेजी से होगा। जल्द ही किसानों का यह भरोसा टूटने लगा है। जिले में सरकारी स्तर पर धान की खरीद तो दूर, धान खरीद के लिए अभी तक सिस्टम भी तैयार नहीं हुआ है।
सरकार की हवा-हवाई घोषणा का लाभ उठाने को बिचौलिए और साहुकार गांव में तत्पर है। एक रणनीति के तहत साहुकार वैसे जरूरतमंद किसानों के यहां दस्तक दे रहे है, जिन्हें पैसे की तत्काल जरूरत है। सरकारी स्तर पर धान का घोषित समर्थन मूल्य 1868 के एवज में साहूकार किसानों का उत्पादित धान नकदी 11 सौ रुपए प्रति क्विटल तो 13 सौ रुपये प्रति क्विटल उधार की दर से खरीद कर रहे है। अभी तक कहीं भी क्रय केंद्र नहीं खुलने तथा सरकारी स्तर पर धान की खरीद नहीं होने से किसान साहूकारों के हाथों की कठपुतली बन गए है।
खाता में नहीं आया धान खरीद का पैसा
धान खरीद के लिए सरकार से पैक्स अध्यक्षों और खरीद एजेंसी के सीसी खाता में पैसा आता है। अभी तक किसी भी खाता में सरकार द्वारा पैसा नहीं भेजा गया है। पैसा भेजे जाने की कागजी प्रक्रिया अभी चल रही है। जो अभी तक पूरा नहीं हुआ है। जाहिर सी बात है कि बैंक की प्रक्रिया पूरा करने तथा सीसी राशि आने में अभी और वक्त लगेगा। निश्चित है कि धान खरीद शुरू होने में अभी और वक्त लगेगा। व्यापार मंडल के अध्यक्ष अशोक सिंह का कहना है कि सीसी खाता में पैसा नहीं आने के कारण धान की खरीद प्रभावित है।
खरीद से पूर्व बाकी है कागजी प्रक्रिया
धान की खरीद के लिए जरूरी कई कागजी प्रक्रिया अभी तक पूरा नहीं हुआ है। निर्देश के अनुरूप उन्ही किसानों से धान की खरीद करनी है जिनका ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन हुआ है। उन सभी रजिस्ट्रेशन का आधार लिकेज जरूरी है। नए किसानों का भी रजिस्ट्रेशन जरूरी है। अभी तक धान खरीद का लक्ष्य भी निर्धारित नहीं है। ऐसे में धान खरीद को लेकर किसानों में संशय बरकरार है। सरकारी स्तर पर धान की खरीद शुरू नहीं होने से किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। साहूकार औने-पौने दाम पर धान की खरीद कर रहे हैं।
शशि नाथ सिह, सोवा राज्य के कृषि मंत्री का गृह क्षेत्र होने का लाभ किसानों को नहीं मिल पाया। किसान साहूकारों के हाथों की कठपुतली बन कर रह गए है। पदाधिकारी भी किसानों के प्रति उदासीन बने हैं।
अरविद पांडे, अटॉव सरकारी स्तर पर धान क्रय शुरू नहीं होने से किसान मुश्किल में पड़ गए हैं। इस वर्ष अच्छी बरसात के कारण धान का उत्पादन बेहतर हुआ है, लेकिन सरकारी बदइंतजामी से किसानों को लाभ नहीं मिल रहा है।
प्रिस कुमार, केसठ धान की खरीद शुरू नहीं होने का पूरा लाभ बिचौलिया तथा साहूकार उठा रहे हैं। किसान से धान खरीद कर यही साहूकार सरकारी स्तर पर धान बेचकर मालामाल हो जाएंगे और किसान हाथ मलते रह जाएंगे।
श्रीकांत ओझा, पुराना भोजपुर
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धान खरीद के लिए अभी तक प्रखंड का लक्ष्य निर्धारित नहीं हो पाया है। धान खरीद के लिए सीसी राशि निर्गत नहीं की गई है। प्रक्रिया पूरी होते हैं, धान की नमी की जांच कर खरीद शुरू कर दी जाएगी। एजेंसी सीसी राशि का इंतजार कर रही है।
इम्तियाज करीम, बीसीओ, डुमरांव।
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