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शहर से लेकर गांव तक टेंशन बना हाईटेंशन तार

बक्सर। बिजली के जर्जर तारों से निजात दिलाने के लिए सरकार का सौभाग्य योजना लागू हो चुका है। इस योजना

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 May 2018 12:11 AM (IST)Updated: Wed, 23 May 2018 12:11 AM (IST)
शहर से लेकर गांव तक टेंशन बना हाईटेंशन तार
शहर से लेकर गांव तक टेंशन बना हाईटेंशन तार

बक्सर। बिजली के जर्जर तारों से निजात दिलाने के लिए सरकार का सौभाग्य योजना लागू हो चुका है। इस योजना का काम बिरला ग्रुप के ¨वध्या टेली ¨लक कंपनी को दिया गया है। यह कंपनी पूरे आरा सर्किल के शहरी तथा ग्रामीण इलाके में बिजली के जर्जर तारों को बदलने का काम करेगी। लेकिन, दुर्भाग्य यह कि सौभाग्य योजना का काम धरातल के बजाय सिर्फ फाइलों में दौड़ रहा है। अभी तक इस योजना का काम कहीं शुरू नहीं हुआ है।

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उधर, बिजली के जर्जर तार लोगों के लिए मुसीबत बन चुके हैं। इस वर्ष एक दर्जन हाईटेंशन तार टूटने की घटनाओं ने करीब सौ एकड़ गेहूं की फसल को राख का ढेर बना दिया। कई किसानों के लिए यह घटना बड़ी तबाही तथा भारी आर्थिक क्षति का कारण बन गया। जर्जर तार के टूटने से जान-माल का नुकसान भी हुआ। नगर में जारी बिजली कटौती का प्रमुख कारण भी जर्जर तारों का टूटना है। बिजली बोर्ड की सबसे अधिक हालत उस दिन खराब होती है जिस दिन मामूली तेज हवा तथा हल्की सी बरसात हो जाती है। तब शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बिजली के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। बावजूद, बिजली कंपनी इससे निजात दिलाने का कारगर पहल अब तक नहीं कर सकी है।

इस वर्ष जर्जर तारों से हुई है भारी क्षति

इस वर्ष जर्जर तारों के कहर ने किसानों को काफी क्षति पहुंचाया है। हाईटेंशन टूटने के एक दर्जन ऐसी घटनाएं है। जिससे तैयार फसलों को नुकसान हुआ है। पिछले माह यह कहर किसानों पर अभिशाप बनकर टूटा। स्थानीय प्रखंड के कोपवां में तैयार फसल में लगी आग से करीब बीस बीघे खेत में खड़े गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। यहीं हाल कोरानसराय में भी हुआ। यहीं हाल अमसारी मुंगाव, खंडरीचा, अकालूपुर, अरियांव, नया भोजपुर आदि जगहों पर हुई। जिसमें गेहूं फसल को सर्वाधिक नुकसान हुआ। जिस पर अंचल कार्यालय से किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया चल रही है। लेकिन, क्षति से हुए दर्द को किसान अभी अपने सीने में झेल रहे हैं। इनमें कई घटनाओं में जान-माल का भी नुकसान हुआ है। नया भोजपुर में हाईटेंशन तार टूटने से एक युवक झुलसकर गंभीर रुप से जख्मी हो गया। वहीं, मझवारी तथा चना गांव में बिजली के चपेट में आने से मौत हो गई। विभाग द्वारा जर्जर तारों को बदलने और मरम्मत की दिशा में कारगर प्रयास नहीं करने से लोगों में आक्रोश है। बिजली कटौती की बड़ा वजह है जर्जर तार शहर तथा गांव में बिजली कटौती की एक बड़ी वजह जर्जर तारों का टूटना है। हद तो तब हो जाती है जब मामूली हवा या हल्की भी बरसात हुई तो उपभोक्ताओं को घंटों बिजली के लाभ से वंचित होना पड़ता है। पता चलता है कि 33 हजार या फिर 11 हजार क्षमता के तार टूट गए हैं। इस वजह से बिजली बाधित होती है। बिजली में सुधार के लिए बोर्ड ने एरियल बंच के केबल का काम शुरू कराया। यह काम शहर में भी पूरा नहीं हुआ। इससे जर्जर तारों का टूटने का सिलसिला खत्म नहीं हुआ। हाल ही में ग्रामीण हल्के की बिजली 36 घंटे गुल रही थी। जिसकी वजह हाईटेंशन तार का टूटना बताया गया था। यह सिलसिला रोज का है। नगर में कहीं न कहीं तारों के टूटने से बिजली की सप्लाई बाधित होती है।


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