2025 तक साक्षर होगा बक्सर, कोई न रहेगा अंगूठा छाप
बक्सर वर्ष 2025 तक बक्सर पूरी तरह साक्षर हो जाएगा। तब तक यहां कोई अंगूठा छाप नहीं रहे
बक्सर : वर्ष 2025 तक बक्सर पूरी तरह साक्षर हो जाएगा। तब तक यहां कोई अंगूठा छाप नहीं रहेगा। या यूं कहें कि सभी को पढ़ने-लिखने आ जाएगा। केन्द्र सरकार ने साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत पढ़ना-लिखना अभियान के माध्यम से इसकी रणनीति बनाई है। केन्द्र प्रायोजित इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए राज्य सरकार ने कवायद शुरू कर दी है और इस बाबत जिलों को निर्देश जारी किया है।
इसके अंतर्गत 15 वर्ष से अधिक उम्र के असाक्षर महिला एवं पुरुषों की पहचान कर उन्हें साक्षर बनाने का निर्णय लिया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी दिवेश कुमार चौधरी ने बताया कि इसके तहत पहले जिले में असाक्षर व्यक्तियों की पहचान की जानी है। तत्पश्चात, सरकार से मिले निर्देश के आलोक में उनको पढ़ने-लिखने के काबिल बनाया जाएगा। अक्षर आंचल योजना की एसआरजी (मेंबर ऑफ स्टेट रिसोर्स ग्रुप) अनिता यादव ने बताया कि पहले फेज के लिए सरकार ने लक्ष्य निर्धारित कर दिया है। हालांकि, पढ़ाई कब से शुरू करनी है इसकी तिथि अभी निर्धारित नहीं की गई है। पहले सर्वे करने के लिए कहा गया है।
पहले फेज के लिए मिला है 8400 का लक्ष्य
इस अभियान के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 के तहत जिले को जनवरी से 31 मार्च तक के लिए 8400 असाक्षर लोगों को साक्षर करने का लक्ष्य मिला है। एसआरजी ने बताया कि इसके लिए जिले को कुल 840 वीटी की जरूरत होगी। उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में राज्य सरकार ने ही लक्ष्य निर्धारित कर दिया है। बाद में सर्वे के आधार पर लक्ष्य तय होगा।
एक साल में चलेंगे 3 सेशन, 4 माह पर परीक्षा
इसके अंतर्गत साल में 3 सेशन चलाए जाएंगे और हर चार माह पर असाक्षरों की परीक्षा ली जाएगी। मसलन, सर्वेक्षण के माध्यम से जिन असाक्षर लोगों को चिह्नित किया जाएगा, उनके एक बैच की पढ़ाई का समय चार माह का होगा। अर्थात चार माह के अंदर उनको साक्षर करने का लक्ष्य दिया गया है। चार माह के बाद फिर नए बैच का पढ़ना-लिखना शुरू होगा।
आवेदन भरने तक की शिक्षा प्राप्त करेंगे असाक्षर
पढ़ना-लिखना अभियान के माध्यम से असाक्षर महिला-पुरुषों को अखबार का शीर्षक पढ़ना, यातायात चिह्नों को पहचानना, साधारण जोड़, घटाव एवं गुणा-भाग की जानकारी दी जाएगी। एसआरजी ने बताया कि यही नहीं, असाक्षरों को आवेदन भरना आ जाए इतना ज्ञान प्रदान किया जाएगा। ताकि, भविष्य में ऐसे काम के लिए उन्हें दूसरे का मुंह नहीं देखना पड़े।
निश्शुल्क सेवा देंगे वीटी, स्वेच्छा से बांटेंगे ज्ञान
पढ़ना-लिखना अभियान के अंतर्गत चिह्नित असाक्षर व्यक्तियों को पढ़ाने के लिए वीटी मनोनीत किए जाएंगे। प्रति 100 व्यक्ति पर एक वीटी को रखा जाएगा। वीटी के रूप में स्थानीय पंचायत के महिला या पुरुष सदस्य, छात्र या एनसीसी के कैडेट भी हो सकते हैं। एसआरजी ने बताया कि वीटी को स्वेच्छा से कार्य करना होगा। इसके लिए उन्हें कोई राशि देय नहीं होगी।
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केन्द्र सरकार ने साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत पढ़ना-लिखना अभियान के माध्यम से वर्ष 2025 तक सभी को साक्षर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके तहत जिला स्तर पर कवायद प्रारंभ कर दी गई है।
दिवेश कुमार चौधरी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, बक्सर। एसआरजी-केआरपी के साथ डीईओ ने की बैठक, दिए निर्देश
जासं, बक्सर : केन्द्र सरकार की इस योजना के अंतर्गत मंगलवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी दिवेश कुमार चौधरी ने बुनियादी विद्यालय स्थित साक्षरता कार्यालय में अक्षर आंचल योजना की एसआरजी एवं केआरपी के साथ बैठक की। बैठक में डीईओ ने इस योजना को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए तथा इस योजना की रूपरेखा पर चर्चा की।
डीईओ ने बताया कि साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत पढ़ना-लिखना अभियान के लिए जिला स्तर पर सर्वेक्षण का कार्य किया जाना है। उन्होंने सभी केआरपी को अपने-अपने प्रखंडों में बीईओ एवं शिक्षा सेवकों के द्वारा असाक्षर की पहचान करने का निर्देश दिया। बैठक में एसआरजी अनिता यादव, केआरपी सुनीता कुमारी, मीना कुमारी, संजू कुमारी, लालसा कुमारी, निर्मला कुमारी, सुरेन्द्र सिंह, अमरेश सिंह आदि मौजूद थे।