Buxar News : प्यास से छटपटाकर काले हिरण ने गंवाई जान, धधकती गर्मी से सूख रहे ताल तलैया; कैटल टब योजना भी फेल
गर्मी और ऊपर से प्राकृतिक जल स्त्रोतों के अभाव के चलते जंगली जानकर प्यास से तड़प-तड़पकर अपनी जान गंवा रहे हैं। ऐसा ही मामला बक्सर जिले के चौगाईं प्रखंड क्षेत्र के भादी गांव से सामने आया है। यहां एक काले हिरण की मौत हो गई है। उसके शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि उसकी मौत प्यासे रहने के चलते हुई है।
रंजीत पांडेय, बक्सर। Buxar News : बक्सर जिले के चौगाईं प्रखंड क्षेत्र के भादी गांव के समीप सोमवार की दोपहर प्यास बुझाने के लिए पानी की खोज में सूखे आहर किनारे आया एक काला हिरण गिर कर मर गया। उसी रास्ते से गुजर रहे सामाजिक कार्यकर्ता अशोक कुमार यादव की नजर सबसे पहले मृत हिरण पर पड़ी।
प्यास से हुई हिरण की मौत
उन्होंने मुआयना किया तो हिरण के शरीर पर कहीं चोट के निशान नहीं थे। उन्होंने यकीन से कहा कि क्षेत्र में प्राकृतिक जल स्रोतों के सूखने के कारण वन्य जीव प्यास बुझाने के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं।
इस हिरण की मौत भी प्यास से ही हुई प्रतीत होती है। जागरण ने इसकी सूचना वन विभाग के रेंजर एसएन चौधरी को दी तो उन्होंने कहा कि चौगाईं प्रखंड के भादी इलाके में काले हिरण के मौत मामले की जांच कराई जा रही है। इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को सूचना दे दी गई है।
कैटल टब योजना की है भारी कमी
विभाग इस मामले में आगे की कार्रवाई में जुट गया है। पोस्टमार्टम के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट होगा। उल्लेखनीय है कि बक्सर जिले में वन क्षेत्र नहीं के बराबर है, लेकिन गंगा तटीय क्षेत्र होने के कारण यहां नीलगाय, हिरण व लोमड़ी काफी संख्या में हैं। मनरेगा के तहत जगह-जगह पशुओं की प्यास बुझाने को कैटल टब निर्माण की योजना बनाई गई, लेकिन यह कहीं दिखते नहीं हैं।
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