सावन की पहली सोमवारी पर शिवमय हुआ बाबा ब्रम्हपुर धाम
बक्सर भोलेनाथ का सबसे प्रिय मास सावन की आज पहली सोमवारी है। बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ की नगरी ब्रह्मप
बक्सर : भोलेनाथ का सबसे प्रिय मास सावन की आज पहली सोमवारी है। बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ की नगरी ब्रह्मपुर पूरी तरह से शिवमय हो गया है। बोल बम तथा हर हर महादेव का जयघोष सुनाई देने लगा है। सोमवारी पर बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ का विशेष पूजा अर्चना आरती तथा जलाभिषेक की प्राचीन परंपरा है। कोरोना काल में लगातार दो वर्ष मंदिर बंद रहने के बाद यह पहला मौका है जब सोमवारी पर पूजा जलाभिषेक और आरती में भाग लेने का अवसर श्रद्धालु भक्तों को मिलेगा।
ऐसे में लाखों भक्त तथा कांवरिया सोमवारी पर जलाभिषेक करेंगे। सोमवारी को लेकर भक्तों में भी गजब का उत्साह है। भक्तों द्वारा अखंड हरिनाम कीर्तन यज्ञ का आयोजन किया गया है। मंदिर प्रांगण में साफ-सफाई तथा सुरक्षा का विशेष प्रबंध हो चुका है। पुलिस के जवान लगातार सुरक्षा में डटे हैं। दूसरी तरफ मंदिर समिति सोमवारी पूजन की तैयारी में जुटे हैं। भोलेनाथ को बेलपत्र के साथ जल चढ़ाने की प्राचीन परंपरा है। बेलपत्र पर राम-राम लिखकर बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ को चढ़ाने की होड़ सुबह से भक्तों में मची थी। हजारों श्रद्धालु भक्त हैं जो सावन महीना में बाबा का नियमित दर्शन पूजा तथा जलाभिषेक करते हैं। मंदिर के आसपास रहने वाले दुकानदार वह अन्य लोग भी सोमवारी की भीड़ के लिए अपने दिनचर्या में बदलाव कर बाबा एवं उनके भक्तों के सेवा में खुद को समर्पित कर दिए हैं। शुक्रवार और सोमवार को मंदिर पर विशेष पूजा के लिए काफी अधिक भीड़ होती है। मंदिर कमेटी के पंडित उमलेश पांडे का कहना है कि हम सबका प्रयास यह है कि किसी भी श्रद्धालु भक्त को बाबा का दर्शन पूजा में कोई दिक्कत ना आए। उधर सावन चढ़ते ही मंदिर पर प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। मंदिर प्रांगण में आने वाले हर एक व्यक्ति पर प्रशासन की पैनी नजर है। बार-बार सीसीटीवी कैमरे का अवलोकन कर हर किसी के संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। पंडित समाज करेगा बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ की विशेष पूजा
परंपरा के अनुरूप ब्राह्मण समाज सावन महीना के पहली सोमवारी को बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ की विशेष पूजा-अर्चना करेगा। इसको लेकर पंडित समाज में गजब का उत्साह तथा तैयारी है। दो वर्ष बाद यह पहला मौका है जब इस बार शिव पूजा में सभी आम और खास लोग अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। वैदिक मंत्रोचार के साथ बाबा का पूजन श्रद्धा एवं विश्वास के साथ किया जाता है। संध्या समय में बाबा का भव्य श्रृंगार एवं आरती होगा। जिसमें हजारों लोग अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।