भू-स्वामियों ने जमा किए मुआवजा के लिए आवेदन
स्थानीय प्रखंड कार्यालय में पिछले तीन दिन से चल रहे एनएच-84 के भू-अर्जन की प्रक्रिया गुरुवार को संपन्न हो गया। भू-अर्जन की प्रक्रिया अनुमंडल क्षेत्र के ढकाइच, चौकियां, रामपुर और छतनवार मौजा में चला।
बक्सर । स्थानीय प्रखंड कार्यालय में पिछले तीन दिन से चल रहे एनएच-84 के भू-अर्जन की प्रक्रिया गुरुवार को संपन्न हो गया। भू-अर्जन की प्रक्रिया अनुमंडल क्षेत्र के ढकाइच, चौकियां, रामपुर और छतनवार मौजा में चला। आखिरी दिन भी कुल चार रैयत ने भू-अर्जन के लिए अपने जमीन के कागजात जमा किए। जमा किए गए कागजातों के सत्यापन तथा जमीन मापी का प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश राजस्व कर्मचारी और अमीन को दे दिया गया है।
जांच प्रतिवेदन की प्रक्रिया सोमवार तक पूरा करने का सख्त निर्देश दिया गया है। ताकि, जमीन का सत्यापन होने के बाद मुआवजा राशि की भुगतान की अनुशंसा की जा सके। बताया जाता है कि प्रतिवेदन मिलते ही एक सप्ताह में मुआवजा की राशि रैयतदारों के खाते में चली जाएगी। गुरुवार को भू-अर्जन शिविर का आखिरी दिन था। हालांकि, उक्त चारों मौजे के करीब 100 वैसे लोगों की जमीन का कागजात जमा नहीं हो पाया। जो नौकरी पेशा के कारण दूर के शहरों में रहते हैं। वैसे लोगों से दूरभाष पर संपर्क कर बताया गया कि वे जितना जल्द हो सके, अपने जमीन के कागजात कार्यालय में जमा करें। ताकि, उन्हें भू-अर्जन का मुआवजा राशि दिया जा सके। बताया जाता है कि बाहर रहने वाले तत्वों की संख्या 100 के करीब है। उम्मीद थी कि आखिरी दिन की रैयत किसानों की अच्छी भीड़ उमड़ेगी तथा किसान अपने जमीन के कागजात जमा कर भू-अर्जन की कार्रवाई को पूरा करेंगे। इस दिन तक ही रैयत किसानों से भू-अर्जन के लिए कागजात जमा कराए जाएंगे। उसके बाद यह शिविर संपन्न हो गया। भू-अर्जन की इस प्रक्रिया के बाद एनएच-84 के फोरलेन में तब्दील करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। भूमि सुधार समाहर्ता बक्सर प्रभात कुमार तथा कार्यपालक दंडाधिकारी उमाशंकर तिवारी ने बताया कि बाहर रहनेवाले रैयत किसानों को दूरभाष पर सूचना दी गई है कि वह अपना भू-अर्जन कराकर मुआवजा राशि हासिल कर लें।