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अमसारी की घटना के बाद शराब धंधेबाजों पर कार्रवाई तेज

बक्सर अमसारी गांव में बुधवार की रात जहरीली शराब पीने के पांच लोगों की मौत के बाद सिमरी

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 10:18 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 10:18 PM (IST)
अमसारी की घटना के बाद शराब धंधेबाजों पर कार्रवाई तेज
अमसारी की घटना के बाद शराब धंधेबाजों पर कार्रवाई तेज

बक्सर : अमसारी गांव में बुधवार की रात जहरीली शराब पीने के पांच लोगों की मौत के बाद सिमरी थाना क्षेत्र में पुलिस सक्रियता तेज हो गई है। थानाध्यक्ष सुनील कुमार निर्भर के नेतृत्व में इलाके के पांडेयपुर नट बस्ती, बलिहार, मझवारी सहित कई अन्य गांवों में शराब कारोबारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है। बलिहार में लगभग एक दर्जन शराब की भठ्ठियों को ध्वस्त करते हुए पुलिस ने काफी मात्रा में देसी शराब एवं उसके निर्माण में काम आने वाले उपस्करों को बरामद किया है। इसके अलावे अन्य गांवों में पुलिस छापेमारी लगातार जारी है। थानाध्यक्ष का कहना है कि जिन- जिन लोगों के यहां से शराब बरामद हुई है, उन्हें चिन्हित कर देर शाम तक न सिर्फ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी, बल्कि उनकी संपत्ति को राज्यसात के लिए प्रतिवेदन भी भेजा जाएगा। दूसरी ओर तिलक राय के हाता और रामदास राय के डेरा ओपी पुलिस ने भी शराब कारोबारियों के खिलाफ छापेमारी अभियान तेज कर दिया। इसके अलावे पड़ोसी राज्य के सीमा से लगी गंगा में नाव से भी निगाहवानी जारी है। इलाके के प्रमुख मार्गों पर वाहन जांच के साथ-साथ वैसे लोगों पर विशेष नजर रखी जा रही है जो बड़े झोले या फिर बोरे में सामान लेकर आ रहे हैं। तिलक राय के हाता ओपी प्रभारी संतोष कुमार एवं रामदास राय के डेरा ओपी प्रभारी सुबोध कुमार ने बताया कि इलाके में शराब निर्माण के साथ-साथ उसका क्रय विक्रय एवं सेवन करने वाले बक्से नहीं जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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शराब कांड को लेकर मुरार थाना पुलिस पर उठ रहे सवाल

जागरण संवाददाता, डुमरांव(बक्सर) : मुरार थाना क्षेत्र का अमसारी गांव वर्षो से देसी शराब निर्माण को लेकर बदनाम है। मुसहर बस्ती, बंझू डेरा एवं नोनिया डेरा में यह प्रतिबंधित धंधा कुटीर उद्योग का रूप धारण कर चुका है। इन तीनों बस्तियों से अनुमंडल के दर्जनों गांवों में देसी शराब की डिलीवरी होती है। ऐसा नहीं कि पुलिस इससे अनभिज्ञ है, परंतु शराब कारोबारियों को पकड़ने की बात तो दूर आज तक उन्हें चिन्हित भी नहीं कर पाई है। अमसारी गांव में जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत के बाद अब मुरार थाना पुलिस पर लोग सवाल उठाने लगे हैं। पिछले साल के आंकड़ों पर गौर करें तो शराब निर्माण का पर्याय बन चुकी इन बस्तियों में पुलिस ने सैकड़ों शराब की भठ्ठियों को ध्वस्त किया है। हजारों लीटर शराब विरमित किए गए है, लेकिन इस अवैध धंधे के संचालनकर्ताओं का पता लगाने में पुलिस आज तक विफल साबित हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि मुरार पुलिस की असंवेदनशीलता के कारण इस इलाके में शराब निर्माण का कारोबार तेजी से विस्तारित हुआ है। दीवा, संध्या और रात्रि गश्ती के नाम पर हुई खानापूर्ति के कारण कारोबारी बेखौफ अपने धंधे को संचालित करते रहे है। यदि पुलिस ऐसे कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई की होती तो शायद अमसारी शराब कांड नहीं हुआ होता ।

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सिमरी के बलिहार में भी हो सकती है ऐसी घटनाओं की पुनरावृति

सिमरी थाना क्षेत्र के बलिहार गांव स्थित महादलित बस्ती में भी किसी न किसी दिन अमसारी जैसी घटना घटित होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। कम समय में धनवान बनने की चाहत ने इस बस्ती के लोगों को इस कदर अंधा बना दिया है कि पुलिस की लाख कार्रवाई के बावजूद वे देसी शराब निर्माण के धंधे से पीछे हटने को तैयार नहीं है। गत तीन दिन पूर्व एएसपी श्रीराज के नेतृत्व में बलिहार नट बस्ती में हुई कार्रवाई के दौरान पुलिस ने सैकड़ों लीटर अर्ध निर्मित देसी शराब को विनष्ट किया था, परंतु शराब कारोबारी चिन्हित नहीं होने के कारण मामला ड्राप हो गया। अब अनुसूचित बस्ती और मझवारी पासी टोला में देसी शराब बनाने की बात लोग कह रहे हैं।

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बयान

पुलिस अमसारी शराब कांड का हर ²ष्टिकोण से जांच कर रही है। इसमें जिस किसी की भी संलिप्तता सामने आएगी, उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

श्रीराज, एएसपी, डुमरांव


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