टेक्सटाइल कालोनी में दिखती है नप के बदहाली की झलक
बक्सर नगर परिषद के वार्ड संख्या दो स्थित टेक्सटाइल कालोनी को शहर की सबसे बड़ी और पाश इल
बक्सर : नगर परिषद के वार्ड संख्या दो स्थित टेक्सटाइल कालोनी को शहर की सबसे बड़ी और पाश इलाका माना जाता है। कॉलोनी में सैकड़ों मकान तथा हजारों की बड़ी आबादी निवास करती है। नल जल योजना का इस कालोनी में अब तक प्रवेश नहीं हुआ है। लोगों को पेयजल के सरकारी व्यवस्था का लाभ नहीं मिल पाता है। कालोनी में सफाई व्यवस्था भी काफी लचर है। झाड़ू लगाना और नाली की सफाई कभी नहीं होती है। सबसे खराब स्थिति सड़क पर अतिक्रमण एवं जलजमाव की समस्या से है। कालोनी की 20 फीट चौड़ी मुख्य सड़क का आधा भाग अतिक्रमण की चपेट में है। मनमानी का आलम यह है कि सड़क पर ही लोगों के सारे काम संपन्न होते हैं। लोग अपनी सुविधा के लिए पक्की सड़क पर मिट्टी गिराकर सड़क का स्वरूप तक बदलने से गुरेज नहीं करते। बरसात में मिट्टीयुक्त सड़क कीचड़ में तब्दील हो जाती है। फिर तो पैदल चलने लायक भी रास्ता नहीं रह पाता है। पानी निकासी के लिए कालोनी में नाली का प्रबंध अब तक नहीं हुआ है। इसके चलते घरों के गंदा पानी के साथ शौचालय से निकलने वाला गंदा पानी भी मुख्य सड़क पर ही जमा होता है। होल्डिग टैक्स वसूलने में अव्वल नगर परिषद इस कालोनी को व्यवस्था और सुविधा देने में फिसड्डी साबित हो रहा है। इसको देखते हुए कालोनी के लोगों में नगर परिषद के प्रति गहरा आक्रोश है।
------------------------
टेक्सटाइल कालोनी को नगर परिषद की सुविधा के नाम पर सिर्फ डोर टू डोर कूड़ा का उठाव है। इसके अलावा नगर परिषद की किसी सुविधा का लाभ कॉलोनी के लोगों को नहीं मिलता है। टैक्स वसूली में अव्वल डुमराव नगर परिषद सुविधा देने में फेल है।
उपेंद्र राय, शिक्षक पूरी कालोनी अतिक्रमण और जलजमाव से परेशान है। पिछले कई वर्षो से नगर परिषद को इसकी जानकारी दी जा रही है। नगर परिषद झूठा आश्वासन देकर कालोनी के लोगों को गुमराह कर रहा है। मामले की शिकायत डीएम से भी की गई है।
राकेश त्रिपाठी, रिटायर्ड पदाधिकारी जलजमाव और अतिक्रमण से कालोनी की स्थिति बहुत खराब हो चुकी है। कई दफे गुहार लगाने के बाद भी नगर परिषद समस्या का निदान नहीं कर रहा है। नगर परिषद के झूठे आश्वासनों से पूरा कालोनी त्रस्त है।
राहुल राय, छात्र नगर परिषद के पास कालोनी के विकास के लिए कोई कार्ययोजना नहीं है। जिसके चलते कालोनी के लोग पेयजल सफाई व्यवस्था अतिक्रमण और जलजमाव की समस्या से जूझ रहे हैं। नगर परिषद को सिर्फ टैक्स वसूली से मतलब है।
गोरख ठाकुर