चौसा में नहर से पानी के रिसाव से 50 एकड़ में लगी गेहूं की फसल बर्बाद
बक्सर सिचाई विभाग की लापरवाही चौसा के किसानों को भारी पड़ गई। नहर से पानी के रिसाव स
बक्सर : सिचाई विभाग की लापरवाही चौसा के किसानों को भारी पड़ गई। नहर से पानी के रिसाव से खेतों में पानी भर जाने से 50 एकड़ में लगी गेहूं की फसल बर्बाद हो गई। किसानों ने पिछले साल ही पंप हाउस के मुख्य नहर से पानी का रिसाव होने की शिकायत सिचाई विभाग से की थी, लेकिन सिचाई विभाग ने नहर के ज्वाइंटों से पानी के रिसाव को बंद करने की तरफ ध्यान नहीं दिया। अब गेहूं के पटवन का समय चल रहा है, इसके लिए गंगा पंप हाउस को चलाया जा रहा है। पंप हाउस के नहर से हो रहे पानी के रिसाव से आस-पास के खेतों में पानी भरने से गेहूं की फसल डूब गई है।
चौसा में खेतों की सिचाई के लिए गंगा पंप हाउस बनाया गया है। इस पंप हाउस से किसानों के खेतों तक पानी जा सके, इसके लिए पक्का नहर बनाया गया है। किसान कृष्णा कुशवाहा, राम कृपाल मिश्र, सोना सिंह कुशवाहा, कृष्णदेव खरवार, छट्ठू कुशवाहा, रामबचन सिंह, रामप्रीत, राम सहाय, सतेंद्र कुशवाहा, विनय, रामबदन कुशवाहा, हरिशंकर, भगवान कोइरी, सुखु कोइरी, श्रीधर सिंह कुशवाहा बताते हैं कि शिकायत के बाद भी समय रहते नगर के ज्वाइंटों से पानी के रिसाव को बंद करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। अब गेहूं की फसल की सिचाई के लिए पंप हाउस चलाया जा रहा है। अब तक 50 एकड़ में लगी गेहूं की फसल पानी में डूब जाने से बर्बाद हो गई है। वहीं विभागीय पदाधिकारियों ने बताया कि खरीफ के बाद रवि का पटवन होता है। इस बीच लगभग तीन से चार माह पंप हाउस बंद रखा जाता है। उस दौरान टूटे-फूटे राजवाहों की मरम्मत की जाती है। पक्की नहर के ज्वाइंटो की मरम्मत की गई थी। नहर से इतने पानी कर रिसाव नहीं होता, ये नौबत किसानों के चलते ही आती है। किसान अपने-अपने खेत का पटवन करने के लिए नहर में छेद कर देते हैं।