बक्सर के 125 किसानों को अब नहीं मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ, रद हुआ निबंधन
बक्सर। खेतों में पराली जलाने की समस्या दिनों दिन गहराती जा रही है। इस संबंध में जागरूकता संबंधी तमाम उपायों को अपनाने के बावजूद किसानों द्वारा पराली जलाना अब तक बंद नहीं किया गया है। इसको लेकर जिले के 125 किसानों का निबंधन अगले तीन वर्षो के लिए रद्द कर दिया गया है।
बक्सर। खेतों में पराली जलाने की समस्या दिनों दिन गहराती जा रही है। इस संबंध में जागरूकता संबंधी तमाम उपायों को अपनाने के बावजूद किसानों द्वारा पराली जलाना अब तक बंद नहीं किया गया है। इसको लेकर जिले के 125 किसानों का निबंधन अगले तीन वर्षो के लिए रद्द कर दिया गया है। तीन वर्षों तक उन्हें किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।
जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि पराली जलाने से पर्यावरण पर कितना प्रतिकूल असर पड़ रहा है इसकी बानगी तो अब अपने आस-पास के क्षेत्र में भी आसमान पर धुएं की मोटी चादर के रूप में दिखाई देने लगी है। इससे होने वाले नुकसान के प्रति किसानों को आगाह करने के लिए गांव-गांव में बैठक से लेकर नुक्कड़ नाटक आदि के माध्यम से तमाम तरह के प्रयास किए गए। बावजूद इसके किसानों को यह बात समझ नहीं आ रही कि भविष्य के लिए वो वायुमंडल में कितना जहर घोल रहे हैं, साथ ही अपने खेतों की उर्वरा शक्ति को दिनों-दिन क्षीण करते जा रहे हैं। डीएओ ने बताया कि इस दिशा में लगातार हो रही कार्रवाई के बीच अब तक जिले के 125 किसानों का निबंधन अगले तीन साल के लिए ब्लॉक कर दिया गया है। पराली जलाने पर कार्रवाई लगातार जारी है और चलती रहेगी।
सोमवार को ब्रह्मपुर में 10 किसानों का आइडी ब्लाक
डीएओ ने बताया कि सोमवार को चुनावी कार्य को लेकर वे ब्रह्मपुर क्षेत्र में ही मौजूद थे। कैथी में आंखों के सामने पराली जलाते देख किसानों को रोकने के साथ ही उनका निबंधन रद्द करने का आदेश दिया गया। इस बीच पूरे दिन अकेले ब्रह्मपुर क्षेत्र में ही सोमवार को 10 किसानों की आइडी ब्लाक करनी पड़ी। इसके पूर्व राजपुर में भी काफी बड़ी तादाद में किसानों को पराली जलाते हुए पकड़ने के बाद उनका निबंधन रद्द किया गया है। पिछले वर्ष की अपेक्षा 40 प्रतिशत कम मामले : जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों का कुछ-कुछ असर होते दिखाई देने लगा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में अब तक पराली जलाने के 204 मामले दर्ज कराए जा चुके थे। जबकि, इस वर्ष अब तक महज 125 मामले ही सामने आए हैं। इसको देखते हुए कहा जा सकता है कि विभाग की जागरूकता अभियान का किसानों पर असर जरूर पड़ा है, जिससे इस साल गत वर्ष की अपेक्षा कम मामले सामने आ रहे हैं। राजपुर में 30 किसानों पर हुई कार्रवाई
प्रखंड के सभी पंचायतों में चल रहे विशेष सर्वेक्षण अभियान के तहत शनिवार तक 30 किसानों का निबंधन रद कर दिया गया है। प्रखंड कृषि पदाधिकारी अरुण प्रसाद ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देश के आलोक में किसानों को पराली नहीं जलाने का संदेश दिया जा रहा है। इसके लिए कृषि सलाहकार एवं कृषि समन्वयक गांव-गांव में पहुंचकर किसानों को जागरूक कर रहे हैं।
किसानों को बताया जा रहा है कि पराली को जलाने के बजाय इसे इकट्ठा कर पशु चारा के रूप में उपयोग करें। बचे हुए अवशेष को खेतों में ही हैप्पी सीडर अथवा वेस्ट डी कंपोजर का इस्तेमाल कर जैविक खाद के रूप में उपयोग करें। बावजूद किसान जल्दबाजी में खेतों में पड़े पराली को चोरी चुपके जला रहे हैं। इसकी निगरानी सेटेलाइट से भी की जा रही है। जिसकी जद में आए किसान रेनू देवी, समहुता पंचायत के पटखवलिया गांव के किसान सुरेंद्र सिंह, फूलमाती देवी, अकबरपुर पंचायत के ओडवार गांव के रामाशंकर सिंह, राजगृही सिंह, दुल्फा पंचायत के रत्न चक गांव के सुशील दुबे, कृष्ण बिहारी दुबे, जयप्रकाश एवं बारूपुर पंचायत के उत्तमपुर गांव के रहने वाले उदयनारायण राम, मार्कंडेय राय के अलावा अन्य पंचायतों में जांच के बाद 30 किसानों का निबंधन रद्द करते हुए अगले 3 साल तक के लिए कृषि संबंधित सभी योजनाओं से वंचित कर दिया गया है।