आरा। जाम से निजात दिलाने के लिए भोजपुर एसपी हर किशोर राय सोमवार की देर रात खुद गश्ती पर निकल गए। इस दौरान लापरवाही पाए जाने पर नवादा थाना और उदवंनगर थाने के मोबाइल गश्ती पर तैनात दारोगा पर बिफर पड़े। साथ ही वेतन रोकने का आदेश दे दिया। बाद में खुद जाम हटवाए। ट्रैफिक को लेकर एसपी की सख्ती से पुलिसकर्मी सकते में पड़ गए हैं। आपको बताते चलें कि जिले में योगदान देने के बाद से लेकर लगातार ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के जिए एसपी प्रयासरत हैं। उन्होंने फरमान जारी कर थानेदारों को निर्देश दिया है कि अपने-अपने इलाके में जाम की समस्या से निपटें। गश्ती गाड़ी पर तैनात पदाधिकारी जाम हटवाएं। किसी भी तरह की शिथिलता पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। इसे लेकर शहर में भी वने-वे ट्रैफिक लागू किया गया है। आपको बताते चलें कि सोमवार की रात बाजार समिति से लेकर जीरो माइल तक भीषण जाम लगा हुआ था। इस दौरान रात करीब 11.30 बजे के आसपास जब एसपी निकले तो वे भीषण जाम देखकर हतप्रभ हो गए। इसके बाद उन्होंने तुरंत एक्शन लिया। नवादा एवं उदवंतनगर दोनों थानाध्यक्षों को फोन कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। साथ ही गश्ती में निकले मोबाइल के दारोगा का वेतन रोकने का आदेश दिया।
जाम से कराहता रहा शहर :
मंगलवार को पूरा शहर जाम से कराहता रहा। हर तरफ लोग बैचेन रहे। कोई हांफ रहा है, तो कोई सर्द मौसम में पसीना बहा रहा है। सबको एक दूसरे को पीछे छोड़ते आगे बढ़ने की धून सवार रही। लेकिन जाम के कारण जगह नहीं मिलने से लोग चिड़चिड़ा दिख रहे थे। सड़क जाम का आलम था कि पैदल चलना मुश्किल था। इससे संबंधित अधिकारी व प्रशासन को कोई वास्ता नहीं। वजह यह कि ट्रैफिक नियंत्रण के लिए स्थापित व्यवस्था ही चरामकर धराशाई हो चली है। मानो सिस्टम ने सिस्टम का कबाड़ा निकाल दिया हो। जानकार की मानें तो सड़क जाम का मुख्य कारण फुटपाथ की जमीन पर दुकानदारों का अवैध कब्जा है। नतीजा लोग जाम में फंसकर कराहते हैं। अधिकारी अतिक्रमण हटाने की मजबूत पहल नहीं कर पाते हैं। शहर का ऐसा कोई चौराहा व तीनमुहानी नहीं जहां जाम की समस्या नहीं हो। नतीजा पुलिस को सड़क पर उतरने के बाद भी जाम की समस्या को हटा नहीं पाते। सड़क के दोनों तरफ खड़े वाहनों और अतिक्रमण के बीच कहीं-कहीं तैनात पुलिस के जवान हांफते दिखे। वाहनों की संख्या और अतिक्रमण के सामने उनकी क्षमता किसी काम के नहीं दिख रही थी। शादी-विवाह के दिन होने के कारण मंगलवार को पूरा शहर कराहता रहा। सड़क के अलावा पतली गली का हाल भी बुरा था। रमना रोड से गोपाली चौक, जेल रोड, महावीर टोला, बंधन टोला, स्टेशन रोड से लेकर धोबीघाट तक जाम का आलम था। चंदवा मोड़ से लेकर पुरानी पुलिस लाइन होते हुए सिडिकेट व गांगी जाने वाली सड़क पर वाहनों की कतार दो किलोमीटर में रेंगती नजर आई। ऐसी बात नहीं कि पुलिस ने जाम से निजात के लिए कोशिश नहीं की। नये पुलिस कप्तान ने योगदान के एक सप्ताह बाद ही जाम के लिए ट्रैफिक को दुरुस्त करने की कवायद शुरु कर दी थी। हालांकि एक माह तक स्थिति काबू में रही। फिर पहले वाली हालत कायम हो गई।
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