बुजुर्गों की सोहबत से होती है इमान की हिफाजत
स्थानीय मीरगंज स्थित खानकाह फरीदिया में दो दिवसीय सुल्तानुल मशाएख हाफिज शाह मोहम्मद फरीदुद्दीन रहमतुल्लाह अलैह का सालाना उर्स सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए आयोजित किया गया।
भोजपुर । स्थानीय मीरगंज स्थित खानकाह फरीदिया में दो दिवसीय सुल्तानुल मशाएख हाफिज शाह मोहम्मद फरीदुद्दीन रहमतुल्लाह अलैह का सालाना उर्स सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए आयोजित किया गया। सज्जादानशीं पीरे तरीकत हजरत अल्लामा अलहाज अब्दुस सलाम साहब की सरपरस्ती में आयोजित इस आयोजन में कोरोना को लेकर देश के विभिन्न क्षेत्रों से मुरीदान व अकीदतमंद इस बार शामिल नहीं हुए। स्थानीय अकीदतमंद ही इस आयोजन में शामिल हो सके। संध्या में कार्यक्रम की शुरूआत मुंगेर से आए मौलाना आरिफ जया ने परचम कुशाई कर की। वहीं मगरीब की नमाज के बाद महफिले मिलाद पाक का आयोजन किया गया। एशा की नमाज के बाद तकरीरी कार्यक्रम हुआ। इसकी शुरुआत खानकाह फरीदिया के इमाम मौलाना मो. इमरान ने तलावते कलाम पाक से हुई। अपनी तकरीर में मौलाना आरिफ जया ने कहा कि बुजुर्गों की संगत से इमान की हिफाजत होती है। इमान की हिफाजत के लिए अल्लाह वालों की अमली जिन्दगी पर अमल करना जरूरी है। वहीं हाफिज साबिर ने नात व मनकबत पेश किया। मध्य रात्रि में मजार पर चादरपोशी की गई।