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संस्कारवान बनाने के लिए तुलसी साहित्य का अध्यापन जरूरी

जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन के बैनर तले माध्यमिक शिक्षक संघ भवन में तुलसी जयंती मनाई गई। अध्यक्षता रामचन्द्र निठुर ने की।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 04:45 PM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 04:45 PM (IST)
संस्कारवान बनाने के लिए तुलसी साहित्य का अध्यापन जरूरी
संस्कारवान बनाने के लिए तुलसी साहित्य का अध्यापन जरूरी

भोजपुर । जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन के बैनर तले माध्यमिक शिक्षक संघ भवन में तुलसी जयंती मनाई गई। अध्यक्षता रामचन्द्र निठुर ने की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. बज्रांग प्रताप केशरी ने कहा कि तुलसी में अपने राम के चरित्र में ब्रह्मा राम, विष्णु राम और मानव राम तीनों का एक साथ समन्वय किया है। यह उनकी अदभुत कला का परिणाम है। अध्यक्षीय वक्तव्य में रामचन्द्र निठुर ने कहा कि दुख की बात है कि आज के ्पाठ्यक्रम से तुलसी हटते जा रहा है। समाज को संस्कारवान और पौरुषवान बनाने के लिए तुलसी साहित्य का स्वध्ययन व अध्यापन अति आवश्यक है। इस अवसर पर डॉ. पारसनाथ सिंह सिंह, डॉ. नथुनी पांडेय, डॉ. कौशलेश्वर राय, जगत नंदन सहाय, सुमेश्वर तिवारी, डॉ. ममता मिश्रा, डॉ. किरण कुमारी, डॉ. भानु प्रताप सिंह, डॉ. महेन्द्र राय आदि ने भी अपना विचार प्रकट किया। मंच संचालन डॉ. रणविजय कुमार, आगत अतिथियों का स्वागत डॉ. नंदजी दूबे और धन्यवाद ज्ञापन मुक्तेश्वर उपाध्याय ने किया।

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