मां आरण्य देवी जीर्णोद्धार की तय होगी समय सीमा
मां आरण्य देवी मंदिर विकास ट्रस्ट की पहली बैठक हरखेन धर्मशाला में हुई। जिसकी अध्यक्षता ट्रस्ट के अध्यक्ष सह विधान पार्षद राधा चरण साह उर्फ सेठ ने की। बैठक में मंदिर निर्माण को लेकर धन संग्रह उप समितियों के गठन एवं मंदिर निर्माण के भावी स्वरूप आदि विभिन्न बिदुओं पर चर्चा हुई।
आरा (भोजपुर) । मां आरण्य देवी मंदिर विकास ट्रस्ट की पहली बैठक हरखेन धर्मशाला में हुई। जिसकी अध्यक्षता ट्रस्ट के अध्यक्ष सह विधान पार्षद राधा चरण साह उर्फ सेठ ने की। बैठक में मंदिर निर्माण को लेकर धन संग्रह, उप समितियों के गठन एवं मंदिर निर्माण के भावी स्वरूप आदि विभिन्न बिदुओं पर चर्चा हुई। वक्ताओं ने कहा कि मंदिर का निर्माण का समय सीमा तय होना चाहिए। इससे श्रद्धालुओं सहित लोगों में मंदिर एवं ट्रस्ट के प्रति विश्वास बढेगा।
अभी मंदिर के निर्माण की रूप-रेखा मंदिर के वर्तमान परिसर को आधार मानकर तैयार किया जाए। आसपास के श्रद्धालु अगर भूमि उपलब्ध कराने को सहर्ष तैयार होते हैं तो इसके लिए स्थानीय स्तर पर संवाद किया जाए। मंदिर में अलग-अलग तल्लों पर क्या-क्या रहेगा? निर्माण ईंट से होगा अथवा पत्थर से इसका भी निर्धारण आर्किटेक्ट के नक्सा के आधार पर आम सहमति से किया जाएगा। इस दरम्यान मंदिर निर्माण समिति के प्रबंधक कृणाल पाण्डेय, संग्रह समिति के प्रबंधक सूर्यभान सिंह एवं मीडिया प्रबंधक कृष्ण कुमार बनाया गया। संचालन मुख्य संरक्षक डा. भीम सिंह भवेश ने किया। बैठक में पूर्व विधान पार्षद सह संरक्षक लालदास राय, होटल मौर्या के जीएम सह वरीय उपाध्यक्ष बीडी सिंह, सचिव अरविद कुमार पांडेय, कोषाध्यक्ष श्रवण जलान, डा. विजय गुप्ता, कुणाल पांडेय, रंगनाथ मिश्र, रुपेश कुमार, सुरेश प्रसाद, जयशंकर तिवारी, पुजारी संजय बाबा, मनोज बाबा, अभिषेक कुमार उर्फ गोलू, विनोद कुमार, सूरज पांडेय आदि मौजूद थे।
महाशिवरात्रि पर ग्रामीण मेले का आयोजन
उदवंतनगर (भोजपुर) । प्रखण्ड क्षेत्र के सोनपुरा पंचायत के मध्य स्थित बाबा लंगटनाथ धाम आज श्रद्धालुओं से खचाखच भरा दिखा। श्रद्धालुओं ने बाबा लंगटनाथ का जलाभिषेक के बाद ग्रामीण मेले का आनंद लिया।मेले में पुरूषों की अपेक्षा महिलाओं की भीड़ अधिक देखी गई। ग्रामीण मेला में सैकड़ों दुकानें लगी थी। वर्षा नहीं होने से मेले में भीड़ देखी गई। जलेबी व चाट की दुकानों पर भीड़ रही। फल व अन्य मिठाइयों की दुकानें भी थी।गुब्बारा व आइसक्रीम की भी दुकानें सजी थी।मेले में परम्परागत कृषि उपकरणों की दुकानें थीं। खूरपा,हसूआ,काता, वैसाखी जैसे कृषि उपकरणों की अच्छी बिक्री थी।