Move to Jagran APP

वीकेएसयू में छह प्राचार्यों की कुर्सी जाने के कयास तेज

वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में उच्च न्यायालय के आदेश से छह प्रधानाचार्यों की कुर्सी खतरे में होने की कयासबाजी चल रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 10:44 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 10:44 PM (IST)
वीकेएसयू में छह प्राचार्यों की कुर्सी जाने के कयास तेज
वीकेएसयू में छह प्राचार्यों की कुर्सी जाने के कयास तेज

आरा । वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में उच्च न्यायालय के आदेश से छह प्रधानाचार्यों की कुर्सी खतरे में होने की कयासबाजी चल रही है। बता दें कि जय प्रकाश विवि, छपरा में एक प्रधानाचार्य को 10 वर्ष की अवधि पूरी होने के बाद हटा दिया गया है। विवि के गलियारे में प्रधानाचार्यों को हटाये जाने के बाद कौन कहां प्रभारी प्राचार्य बन सकता है, यह भी चर्चा होने लगी है। इन छह प्रधानाचार्यों की नियुक्ति राजभवन द्वारा वर्ष 2012 में की गई थी। इन सभी की सेवा अवधि 10 वर्ष से अधिक हो चुकी है। विवि के गलियारे में इनके हटाये जाने की चर्चा सर्दी में गर्माहट का अहसास कर रही है। वहीं उस कुर्सी पर काबिज होने वाले अपनी सीनियरटी को भुनाने की जुगत में जुट गए हैं। कई वरीय शिक्षक दांव अजमाने की फिराक में हैं। पीजी विभाग व कॉलेजों के वरीय शिक्षक इसकी टोह लेने लगे हैं। हालांकि इनके हटाए जाने की आधिकारिक सूचना विवि में नहीं आई है। बता दें उच्च न्यायालय ने राजभवन को वैसे प्रधानाचार्यों को हटाने का निर्देश दिया है, जो बतौर प्रधानाचार्य 10 वर्षों की अवधि पूरी कर चुके हैं। दूसरी ओर वीर कुंवर सिंह विवि के प्रधानाचार्य संघ के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि बिहार में वर्ष 2008 के विज्ञापन के तहत नियुक्त सभी प्रधानाचार्य पूर्णकालिक हैं। उन्हें बीच में नहीं हटाया जा सकता है। वे स्वयं चाहे तो प्रधानाचार्य पद त्यागकर विवि के पीजी विभाग में प्रोफेसर के पद पर कार्य कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि यूजीसी ने प्रधानाचार्याें के लिए जो समय सीमा निर्धारित की है। उसके तहत अभी तक बिहार में प्रधानाचार्यों की बहाली हीं नहीं हुई है।

loksabha election banner

--------------

क्या कहते हैं कुलपति

कुलपति प्रो. देवी प्रसाद तिवारी ने उपयुक्त छह प्रधानाचार्यों को हटाये जाने की कयासबाजी को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में राजभवन से अभी तक कोई चिट्ठी नहीं मिली है।

--------------------

क्या है उच्च न्यायाल का निर्देश

जय प्रकाश विवि, छपरा के प्रधानाचार्य ने उच्च न्यायाल में याचिका दायर की थी। इस मामले की सुनवाई में उच्च न्यायाल ने याचिकाकर्ता को 10 वर्ष की अवधि पूरा करने के बाद प्रधानाचार्य पद से हटाये जाने का निर्देश दिया। उच्च न्यायालय ने इसको संज्ञान में लेते हुए राजभवन को सभी विश्वविद्यालयों के वैसे प्रधानाचार्याें को, जो 10 वर्ष की अवधि पूरा कर चुके हैं, उन्हें हटाये जाने का निर्देश दिया। सूत्रों की मानें तो इस आदेश के तहत जय प्रकाश विवि में अमल नहीं किया गया।

----------

निम्न छह कॉलेजों के हैं प्रधानाचार्य

एचडी जैन कॉलेज, महाराजा कॉलेज, जगजीवन कॉलेज, एसबी कॉलेज, एमएम महिला कॉलेज, आरा और महिला कॉलेज, डालमियानगर।

-------------

दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई का निर्देश

जासं, आरा : शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव ने आरटीआई कार्यकर्ता व पूर्व सीनेटर अजय कुमार तिवारी उर्फ मुनमुन तिवारी के आवेदनों के आलोक में विवि प्रशासन को नियमानुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। शिक्षा सचिव राम अनुग्रह नारायण सिंह ने विवि के कुलपति को विगत 11 जनवरी को एक पत्र भेजा है, जिसमें अजय कुमार तिवारी के आवेदन के आलोक में राजभवन द्वारा दिए गए आदेशों का अनुपालन करने का निर्देश दिया गया है। बता दें कि राजभवन ने विवि को विगत 15 अक्टूबर को इस बाबत पत्र भेजा था। राजभवन ने विवि को फटकार लगाते हुए इस पर अमल करने का निर्देश दिया है। मुनमुन तिवारी ने विवि में स्नातक, सत्र 2018-21 में एक ही विद्यार्थी के दो बार पंजीयन कराये जाने का मामले को उजागर करते हुए राजभवन से कार्रवाई करने की गुहार लगाई थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.