Move to Jagran APP

सिंडिकेट निकालेगा डेढ लाख छात्रों के सर्टिफिकेट देने का रास्ता

वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में विगत तीन माह से सिंडिकेट की बैठक नहीं हुई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Aug 2022 03:59 AM (IST)Updated: Thu, 04 Aug 2022 03:59 AM (IST)
सिंडिकेट निकालेगा डेढ लाख छात्रों के सर्टिफिकेट देने का रास्ता
सिंडिकेट निकालेगा डेढ लाख छात्रों के सर्टिफिकेट देने का रास्ता

सिंडिकेट निकालेगा डेढ लाख छात्रों के सर्टिफिकेट देने का रास्ता

prime article banner

जासं, आरा : वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में विगत तीन माह से सिंडिकेट की बैठक नहीं हुई है। अंतिम बैठक चार जनवरी को हुई थी। 18 फरवरी को मौजूद सिंडिकेट सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो गया है। बावजूद बैठक करके डिग्री दी जा सकती है। प्रभारी कुलपति प्रो. केसी सिन्हा ने राजभवन ने बैठक को लेकर दिशा निर्देश मांगा है। इसी बैठक में डेढ़ लाख छात्र-छात्राओं की डिग्री मिलने का रास्ता साफ होगा।

विश्वविद्यालय प्रशासन के उदासीनता के कारण छात्रों की डिग्री टलती रही। सिंडिकेट से अनुमोदन कराकर डिग्री देने का निर्देश राजभवन का है। बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने कवायद नहीं की। विगत दो साल से छात्र विश्वविद्यालय का चक्कर काट रहे हैं। स्नातक, सत्र 2015-18, 2016-19 और 2017-20 के डेढ लाख छात्रों की डिग्री पर रोक है।

उपरोक्त सत्र के पासआउट छात्र-छात्राएं वैसे कालेजों में नामांकन लिये थे, जिनका संबद्धन नहीं था। उस अवधि में विश्वविद्यालय प्रशासन संबद्धन की मांग करने वालों कालेजों को संबद्धन की प्रत्याशा में नामांकन लेने का निर्देश देता था। वर्ष 2018 के बाद इसे बंद कर दिया गया।

न्यायालय के निर्देश के आलोक में करनी है बैठक

कुलपति प्रो. केसी सिन्हा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एक बार ऐसे कालेजों को संबद्धन देकर नामांकित छात्र-छात्राओं को मूल प्रमाण-पत्र निर्गत कर दिया जाएगा। न्यायाल के आदेश में राजभवन ने विश्वविद्यालय को निर्देश दिया है। मगधविश्वविद्यालय ने इस तरह के मामले का निपटा दिया, लेकिन यहां पर लंबित है। न्यायालय ने दोषी कालेजों को दंडित करने का निर्देश दिया है। विश्ववविद्यालय प्रशासन ने गत वर्ष में विभिन्न 51 कालेजों को मुकदाम दर्ज किया था, परंतु छात्रों की डिग्री के लिए अभी तक कवायद नहीं की थी, जिसे अब पूरा किया जाएगा। दूसरी ओर मूल प्रमाण-पत्र कई छात्र उच्च न्यायाल के दरवाजा खटखटा चुके हैं। कई छात्रों को सर्टिफिकेट देने का आदेश भी न्यायालय दिया है। बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन औपबंधिक प्रमाण-पत्र भी नहीं देता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.
OK