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निजीकरण से रेलवे को बचाने के लिए रेलकर्मी पहुंचे जनता के बीच

निजीकरण से रेलवे को बचाने के लिए रेलकर्मी अब जनता से सीधा संपर्क कर रहे हैं। साथ ही इस बाबत जारी आंदोलन को गति देने में जनता से सहयोग की अपील भी कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 05:33 PM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2020 05:33 PM (IST)
निजीकरण से रेलवे को बचाने के लिए रेलकर्मी पहुंचे जनता के बीच
निजीकरण से रेलवे को बचाने के लिए रेलकर्मी पहुंचे जनता के बीच

भोजपुर । निजीकरण से रेलवे को बचाने के लिए रेलकर्मी अब जनता से सीधा संपर्क कर रहे हैं। साथ ही इस बाबत जारी आंदोलन को गति देने में जनता से सहयोग की अपील भी कर रहे हैं। दानापुर मंडल के आरा रेलवे स्टेशन पर जन जागरुकता कार्यक्रम के दौरान भारतीय रेल के निजीकरण के संभावित खतरों की जानकारी देते हुए रेल कर्मचारी यूनियन के नेता मनोज कुमार पांडेय ने बताया कि निजीकरण के बाद हमारी भारतीय रेल गरीब और मध्य वर्गीय जनता की सुविधाओं से अलग मुट्ठी भर अमीरों का खिलौना बनकर रह जाएगी। यही नहीं रेलवे से प्राप्त भारी राजस्व भी अब उन्हीं के खाते में जाएगा। रेलवे में नौजवानों के नौकरी पाने की उम्मीद पर तो सरकार ने पहले से ही ताला लगा दिया है। ऐसे में सरकार की इस जन विरोधी नीति के खिलाफ आम आवाम को आगे आना होगा। उन्होंने बताया कि रेलवे-मेंस फेडरेशन और ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के आह्वान पर भारतीय रेलवे को निजीकरण से बचाने और केंद्र सरकार के रेल कर्मचारियों को 50 से 55 वर्ष की उम्र में अथवा 30 वर्ष की सेवा के आधार पर सेवा पुनरीक्षण कर रेल सेवा से मुक्त करने, रेल को निजी ऑपरेटरों को सौंपने, उत्पादन इकाइयों का निगमीकरण करने, रेल मंत्रालय द्वारा 50 प्रतिशत पदों को सरेंडर करने, रिक्त पदों को भरने, लार्जेज योजना को पुन: लागू करने, नई पेंशन नीति के स्थान पर पुरानी गारंटेड पेंशन योजना लागू करने समेत कई बिदुओं पर आगामी 19 सितंबर तक विशेष जनसंपर्क अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जाएगा। अभियान के अंतिम दिन 19 सितंबर को काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन करते हुए संगठन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। श्री पाण्डेय ने कहा कि भारतीय रेल के सभी कर्मचारी सक्षम हैं। ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के नेताओं ने मंगलवार को आरा, बक्सर एवं दिलदारनगर में भी हर कर्मचारी से मिलकर भारत सरकार की मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ और भारतीय रेल के निजीकरण और निगमीकरण के खिलाफ हो रहे निर्णय से कर्मचारियों को अवगत कराया। बक्सर में अशोक पांडेय, संजीत कुमार, एसपी त्रिपाठी, धीना में देवाशीष महतो, रघुनाथपुर में बिध्याचल जी , बनाही में गुड्डू पांडेय और उजागिर यादव सभी साथियों ने दोपहर विश्राम अवधि में जनजागरण अभियान चलाया।

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