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छात्रों को मूल प्रमाण-पत्र नहीं देने का मामला पहुंचा राजद के प्रदेश कार्यालय

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व सांसद जगदानंद सिंह ने वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय से विभिन्न सत्रों में पासआउट करीब एक लाख विद्यार्थियों को मूल प्रमाण-पत्र नहीं देने पर चिता जाहिर की है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 11:36 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 11:36 PM (IST)
छात्रों को मूल प्रमाण-पत्र नहीं देने का 
मामला पहुंचा राजद के प्रदेश कार्यालय
छात्रों को मूल प्रमाण-पत्र नहीं देने का मामला पहुंचा राजद के प्रदेश कार्यालय

आरा। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व सांसद जगदानंद सिंह ने वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय से विभिन्न सत्रों में पासआउट करीब एक लाख विद्यार्थियों को मूल प्रमाण-पत्र नहीं देने पर चिता जाहिर की है। बताते चलें कि पिछले दिनों विवि के छात्र राजद के अध्यक्ष रजनीश यादव ने इस बाबत राजद के प्रदेश अध्यक्ष से मिलकर छात्रों की समस्या से अवगत कराया था। शिक्षा विभाग ने विभिन्न 52 कॉलेजों के स्नातक सत्र 2013-16, 2015-18 और 2016-19 में संचालित पाठ्यक्रमों के मूल-प्रमाण पत्रों को निर्गत करने पर रोक लगा दी है। श्री सिंह ने कुलपति से विद्यार्थियों के मूल प्रमाण-पत्र जारी करने की मांग की है। उन्होंने जागरण संवाददाता से कहा कि इस तरह के मामले बिहार के कई विवि में लंबित है। जब विवि प्रशासन छात्रों का नामांकन, पंजीयन, परीक्षा, परिणाम, अंक-पत्र और औपबंधिक निर्गत कर सकता है, तो मूल प्रमाण-पत्र क्यों नहीं जारी करेगा। इसके विपरीत विवि के कुलपति प्रो. देवी प्रसाद तिवारी की मानें तो शिक्षा विभाग के आदेश के आलोक में मूल प्रमाण-पत्र को जारी करने पर रोक लगाई गई है। इस बाबत जब जागरण संवाददाता ने कुलपति से शिक्षा विभाग द्वारा जारी पत्र की मांगा की तो वे उपलब्ध नहीं करा सके। मूल प्रमाण-पत्र के लिए विवि के विभिन्न कॉलेजों के कई संकायों के करीब एक लाख छात्र भटक रहे हैं। वे सभी अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं। लेकिन विवि प्रशासन के सभी अधिकारी हाथ खड़े कर चुके हैं। सूत्रों ने बताया कि कुलपति स्वयं कहते हैं अगर छात्र कोर्ट से ऑर्डर लाते हैं तो उन्हें मूल प्रमाण-पत्र जारी कर दिया जाएगा। वैसे कई छात्रों ने कोर्ट में जाने का दावा भी किया है।

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कॉलेजों की गलती और सजा विद्यार्थी को

राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने सवाल किया कि विवि प्रशासन की गलती की सजा विद्यार्थी के ऊपर क्यों थोपी जा रही है। इसमें विद्यार्थी का क्या कसूर है? मूल प्रमाण-पत्र के अभाव में हजारों छात्रों का कॅरियर अधर में है। छात्र व उनके अभिभावक भी पीड़ित हैं। वहीं सरकार मनमानी तरीके से आदेश निर्गत कर रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि विवि की लापरवाही का दंश विद्यार्थी भुगतेगा। यह केवल एक विवि का मामला नहीं है, बल्कि कई विश्वविद्यालयों में लाखों ऐसे विद्यार्थी हैं जो मूल प्रमाण-पत्र से वंचित हैं।

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राजद प्रतिनिधि मंडल मिला प्रधान सचिव से

राजद के एक प्रतिनिधि मंडल गत नौ अप्रैल को पूर्व विधायक सह प्रदेश प्रवक्ता शक्ति सिंह के नेतृत्व में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव से मिला। प्रधान सचिव ने इस बाबत कुलपति से बातचीत करने का आश्वासन दिया है। प्रतिनिधि मंडल में विवि अध्यक्ष रजनीश यादव, सुमित सिंह आदि शामिल थे।


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