स्वास्थ्यकर्मियों और कोरियर की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई
आरा। स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मियों की हड़ताल के कारण पिछले लगभग दो माह से प्रखंड की स्वास्थ्य सेवा बेपटरी हो गई है।
आरा। स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मियों की हड़ताल के कारण पिछले लगभग दो माह से प्रखंड की स्वास्थ्य सेवा बेपटरी हो गई है। हड़ताल पर हड़ताल हो रहे हैं, और अधिकारी मौन होकर देख रहे हैं। बेवस व आम आदमी जिसका सहारा सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था तक ही सीमित है इसे अपनी नियति मान बैठने को मजबूर हैं। हड़ताल से जनहित में चलाए जा रहे लगभग सभी स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित है। पिछले दिनों एक माह से अधिक समय तक आशा का हड़ताल चला। जिसके कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की ओपीडी सहित सारी स्वास्थ्य सेवाएं ठप रही। आशा कार्यकर्ताओं ने जबरन ओपीडी को एक माह से अधिक समय तक ठप कराया पर विभाग सबकुछ देखता रहा। कार्रवाई की बात कागजों तक सिमट कर रह गयी है। 14 दिसम्बर से खुद को स्थाई करने की मांग को लेकर अस्पताल में 14 साल से कार्यरत कोरियर हड़ताल पर हैं। कोरियरों की संख्या 9 है जिनका काम अस्पताल से वैक्सीन उठाकर प्रखंड के विभिन्न केन्द्रों तक पहुंचाना है ताकि निर्धारित केन्द्रों पर प्रतिरक्षण का कार्य सुचारू रूप से चल सके। पर कोरियर इससे हाथ खड़ा कर चुके हैं जिस कारण प्रतिरक्षण कार्य भी ठप है। अब बकाए वेतन की मांग को लेकर स्थायी एएनएम मंगलवार से हड़ताल पर हैं। जिसके कारण खसरा-रुबेला जैसे घातक बीमारी मिटाने के लिए चलाए जा रहे अभियान पर ग्रहण लग गया है। हालांकि गत मंगलवार को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनिल कुमार ने नवोदय विद्यालय में शिविर आयोजित कराकर खसरा रुबेला अभियान की शुरुआत करा दी है परन्तु फिलहाल यह अभियान ठप पड़ गया है। लोगों का कहना है कि सरकार को जल्द कारगर कदम उठाना चाहिए ताकि स्वास्थ्य सेवाएं पटरी पर लौट सके।