सदर अस्पताल समेत पांच अस्पतालों को नोटिस
केंद्र सरकार के महा रजिस्टर के विजन-2020 के तहत जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन शत-प्रतिशत किए जाने के अभियान को बट्टा लगाने वाले जिले के सबसे बड़ा सदर अस्पताल समेत पांच अस्पतालों को 56 हजार रुपए का जुर्माना लगाने के लिए जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सह अपर जिला रजिस्ट्रार जन्म मृत्यु ने चेतावनी नोटिस भेजा है।
आरा। केंद्र सरकार के महा रजिस्टर के विजन-2020 के तहत जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन शत-प्रतिशत किए जाने के अभियान को बट्टा लगाने वाले जिले के सबसे बड़ा सदर अस्पताल समेत पांच अस्पतालों को 56 हजार रुपए का जुर्माना लगाने के लिए जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सह अपर जिला रजिस्ट्रार जन्म मृत्यु ने चेतावनी नोटिस भेजा है। साथ ही तीन दिनों के अंदर स्पष्टीकरण का जवाब देने का निर्देश दिया है। जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सह अपर जिला रजिस्ट्रार मोती कुमार दिनकर ने सदर अस्पताल के अधीक्षक सह रजिस्ट्रार समेत जिले के पांच अस्पतालों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सह रजिस्ट्रार को नोटिस भेजा है। अपने नोटिस में उन्होंने लिखा है कि क्यों नहीं कार्य में लापरवाही एवं शिथिलता के आरोप में आपके पदनाम के सम्मुख आर्थिक दंड जन्म एवं मृत्यु निबंधन अधिनियम 1969 की धारा 23 के तहत अधिरोपित किया जाए। जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने सदर अस्पताल समेत जिले के पांच अस्पतालों को भेजे गए नोटिस में कहा है कि आपके अस्पताल में प्रत्येक जन्म का निबंधन करना आपके लिए अनिवार्य है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि अक्टूबर माह के विशेष निरीक्षण अभियान के दौरान यह जानकारी प्राप्त हुई है कि आपके अस्पताल में कुल घटित प्रसव जन्म तथा घटित मृत्यु की घटनाओं एवं उनके निबंधन में अंतर प्रदर्शित हो रहा है। साथ ही जिले का अक्टूबर माह में जन्मे मृत्यु का निबंधन वार्षिक लक्ष्य के विरुद्ध क्रमश: 71.06त्न एवं 57.8त्न है, जबकि वांछित लक्ष्य 88त्न है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि महारजिस्ट्रार जन्म मृत्यु भारत सरकार के द्वारा निर्धारित विजन 2020 एवं जन्म-मृत्यु निबंधन अधिनियम 1969 के तहत प्रत्येक जन्म और मृत्यु की घटनाओं का शत प्रतिशत निबंधन निर्धारित अवधि के अंदर सुनिश्चित कराना आपका परम दायित्व है। परंतु अस्पताल द्वारा ऐसा नहीं किया गया है। ऐसी परिस्थिति में जन्म-मृत्यु निबंधन अधिनियम 1969 की धारा 23 के तहत प्रत्येक जन्म की घटना का निबंधन नहीं किए जाने पर दोषी रजिस्टार पर प्रति जन्म या मृत्यु अधिकतम 50 रुपए की दर से आर्थिक दंड लगाए जाने का प्रावधान है। सरकार के उपरोक्त आदेश के आलोक में यह कार्रवाई की गई है। जिला सांख्यिकी पदाधिकारी के अनुसार जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में 4,717 बच्चों का जन्म हुआ है, जबकि निबंधन मात्र 4,183 हुआ है। सदर अस्पताल में 534 बच्चों का निबंधन नहीं किया गया है। वहीं दूसरी ओर रेफरल अस्पताल जगदीशपुर में 1,846 बच्चों का जन्म हुआ है, जिसमें 1,651 बच्चों का निबंधन किया गया है।195 बच्चों का निबंधन नहीं किया गया है। इसी तरह रेफरल अस्पताल शाहपुर में 3,016 बच्चों का जन्म हुआ है, जिसमें 2,827 बच्चों का निबंधन किया गया है। 189 बच्चों का निबंधन नहीं किया गया है। रेफरल अस्पताल संदेश में 1,330 बच्चों का जन्म हुआ है, जबकि निबंधन केवल 1,256 बच्चों का किया गया है। यहां भी शेष बचे 74 बच्चों का निबंधन नहीं किया गया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गड़हनी में कुल 1,405 बच्चों का जन्म हुआ है, जिसमें 1,277 बच्चों का निबंधन किया गया है। शेष 128 बच्चों का निबंधन नहीं किया गया।
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जाने किस अस्पताल को कितने रुपए का भेजा गया है जुर्माना नोटिस:
अस्पताल जुर्माना राशि
सदर अस्पताल- 26,700 रुपए
रेफरल अस्पताल जगदीशपुर- 9,750 रुपए
रेफरल अस्पताल शाहपुर- 9,450 रुपए
रेफरल अस्पताल संदेश- 3,700 रुपए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गड़हनी- 6,400 रुपए
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बॉक्स
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फोटो 18
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महारजिस्ट्रार जन्म- मृत्यु, भारत सरकार द्वारा निर्धारित वीजन 2020 के तहत जन्म-मृत्यु निबंधन को अनिवार्य कर दिया गया। जन्म और मृत्यु की घटनाओं का शत-प्रतिशत निबंधन निर्धारित अवधि के अंदर सुनिश्चित कराना संस्थागत प्रमुख की जिम्मेवारी है। ऐसी स्थिति में शत-प्रतिशत जन्म मृत्यु का निबंधन नहीं कराना कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही का घोतक है। विभागीय मापदंड के अनुसार जुर्माने की राशि लगाने के लिए नोटिस भेजा गया। यदि निर्धारित अवधि में संतोषप्रद जवाब नहीं मिला तो दंड की राशि को अधिरोपित किया जाएगा। मोती कुमार दिनकर
जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सह अपर जिला रजिस्ट्रार मृत्यु- मृत्यु, भोजपुर