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कड़ाके की ठंड में जरूरतमंदों को सुकून पहुंचा रहे रैन बसेरे

कंपकपाती ठंड से आम से खास लोग परेशान हैं। आश्रयविहीन लोगों के लिए शहर के विभिन्न इलाके में स्थित आश्रय स्थल सह रैन बसेरा इस मौसम में काफी फायदेमंद साबित हो रहा है। इसमें जरूरतमंद चैन की नींद सो रहे हैं। दीन दयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की ओर से संचालित शहर के तीन स्थानों पर निर्मित रैन बसेरा से गरीब जरूरतमंद लाभांवित हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 11:34 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 11:34 PM (IST)
कड़ाके की ठंड में जरूरतमंदों को सुकून पहुंचा रहे रैन बसेरे
कड़ाके की ठंड में जरूरतमंदों को सुकून पहुंचा रहे रैन बसेरे

जागरण संवाददाता, आरा : कंपकपाती ठंड से आम से खास लोग परेशान हैं। आश्रयविहीन लोगों के लिए शहर के विभिन्न इलाके में स्थित आश्रय स्थल सह रैन बसेरा इस मौसम में काफी फायदेमंद साबित हो रहा है। इसमें जरूरतमंद चैन की नींद सो रहे हैं। दीन दयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की ओर से संचालित शहर के तीन स्थानों पर निर्मित रैन बसेरा से गरीब जरूरतमंद लाभांवित हो रहे हैं।

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यह 24 घंटे गरीबों की सेवा के लिए निश्शुल्क खुला रहता है। शहर के मौलाबाग, सदर अस्पताल परिसर और गौसगंज, गांगी में निर्मित रैन बसेरा में जरूरतमंद आराम करते हैं। प्रतिदिन यहां लोगों का आना-जाना लगा रहता है। जरूरतमंदों के लिए चौकी, तोसक, चादर, कंबल, मच्छरदानी, तकिया आदि की व्यवस्था है। 24 घंटे बिजली की व्यवस्था है। सभी जगह पर सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। मौलाबाग में 16 बेड, गौसगंज, गांगी में 24 बेड और सदर अस्पताल परिसर में 24 बेड उपलब्ध है।

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रहने वाले के लिए प्रतिदिन होती है इंट्री : इसमें जो भी जरूरतमंद रहना चाहते हैं, वह रह सकते हैं। इसके लिए पहचान पत्र अथवा मोबाइल नंबर की जरूरत पड़ती है। प्रत्येक दिन रजिस्टर में इंट्री होती है। महिला अथवा पुरुष कोई भी जरूरतमंद इसमें रह सकता है। इसमें आने-जाने व रहने वाले की निगरानी सीसीटीवी कैमरा से होती है।

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प्रत्येक रैन बसेरा में केयर टेकर की है व्यवस्था : प्रत्येक रैन बसेरा में तीन-तीन केयर टेकर हैं। जिनकी ड्यूटी आठ-आठ घंटे की है। ये केयर टेकर जहां उपलब्ध सुविधा को मुहैया कराने में मुस्तैद रहते हैं। वहीं बाहर में खुले आसमान के नीचे अथवा फुटपाथ पर जिदगी बसर करने वालों को रैन बसेरा का लाभ उठाने के लिए भी प्रेरित करते हैं।

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अक्टूबर के बाद नहीं मिला है मानदेय : केयर टेकरों को अक्टूबर के बाद मानदेय नहीं मिला है। भारत सरकार के निर्देश के आलोक में मदर एंड चाइल्ड एकाउंट कंसेप्ट की प्रक्रिया विभागीय स्तर पर चल रही है। जल्द ही विभाग से आदेश प्राप्त होने के बाद मानदेय का भुगतान हो जाएगा।

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नगर निगम की ओर से सभी रैन बसेरों में जरूरतमंदों को सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। किसी को कोई परेशानी न हो इसका ख्याल रखा जा रहा है। ठंड के मद्देनजर रैन बसेरा के बाहर अलाव की व्यवस्था की जा रही है। आश्रयविहीन लोगों को इसमें रहने के लिए कहा जाता है। जरूरतमंद इसका लाभ उठाए, इसके लिए प्रचार-प्रसार किया जाता है। कृष्ण मुरारी पांडेय, नगर निगम प्रबंधक, आरा नगर निगम।


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