पुकारी जैनबे मुस्तर हुसैन हाय हुसैन..
भोजपुर । मुहर्रम की नवमी के अवसर पर शहर के कई इमामबाड़ों में अलविदाई मजलिस आयोजित
भोजपुर । मुहर्रम की नवमी के अवसर पर शहर के कई इमामबाड़ों में अलविदाई मजलिस आयोजित की गई। इसमें हजरत इमाम हुसैन समेत 72 लोगों के साथ की गई निर्ममतापूर्वक कार्रवाई का जिक्र किया गया। साथ ही सोजखानी, मरसियाखानी और नौहाखानी की गई। मीर हसन वक्फ स्टेट के इमामबाड़े में मजलिस आयोजित की गई। इसमें इलाहाबाद से तशरीफ लाए मौलाना तुफैल अब्बास ने अपनी तकरीर में कहा कि इमाम हुसैन ने इस्लाम और इंसानियत को बचाने के लिए जो कुर्बानियां दी, उसे भुलाया नहीं जा सकता। अपने खानदान समेत 72 लोगों की शहादत दी। इस मौके पर रेयाज हुसैन ने नौहा पढ़ा- पुकारी जैनबे मुस्तर हुसैन हाय हुसैन/कहां से लाउं भरा घर हुसैन हाय हुसैन। महादेवा स्थित हुसैनिया बड़ा इमामबाड़ा में आयोजित मजलिस की शुरुआत ताहिर हुसैन की सोजखानी से हुई। तदोपरांत शादाब हुसैन ने पेशखानी, सैयद काजिम हुसैन बिलग्रामी ने मरसियाखानी और नासिर हुसैन, सैयद हसनैन, तौकीर हैदर व रेयाज हुसैन ने नौहाखानी की। मिल्की मुहल्ला स्थित बाबे हैदर के इमामबाड़े में मजलिस में हजरत अली अकबर अलैहिस्सलाम का ताबूत निकाला गया। वहीं मौलाना तुफैल अब्बास ने अपनी तकरीर में कहा कि हजरत इमाम हुसैन के बड़े लड़के अली अकबर अलैहिस्सलाम का चेहरा मोहम्मद साहब से हूबहू मिलता था। मोहम्मद साहब की जियारत के बाद मदीने के लोग अली अकबर अलैहिस्सलाम की जियारत के लिए जुटते थे। उन्होंने कहा कि यजीद की सेना ने जिस बेदर्दी के साथ अली अकबर अलैहिस्सलाम के सीने में बरछी लगाई कि उसका फल सीने के अंदर ही टूटकर रह गया। सैयद हसनैन, सैयद अली हुसैन आदि ने नौहाखानी की। मगहिया टोली स्थित हुसैन मंजिल के इमामबाड़े और डिप्टी शेर अली के इमामबाड़े में भी अलविदाई मजलिस आयोजित की गई। मजलिसों में सैयद एजाज हुसैन, एजाज हुसैन, सरफराज हैदर, कमर हैदर, अबरार हैदर, आबिद हुसैन, वकार हुसैन, आरिफ बिलग्रामी, अली हुसैन आदि शामिल थे। ---------------
मुहर्रम की नवमी को निकाला गया ताजिया
जागरण टीम, भोजपुर : पैगम्बरे इस्लाम मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन समेत अन्य की शहादत की याद में मनाये जाने वाले मुहर्रम की नौंवी को मुस्लिम इलाके में विशेष चहल-पहल देखी गई। अकीदतमंदों ने नवमी का रोजा रखा। वहीं घरों में खिचड़ा, मलीदा, शरबत आदि को बनाया गया। साथ ही फातिहा किया गया। इमामबाड़े पर भी फातिहा किया गया। फिर तबररूक के रूप में बांटा गया। वहीं कई मुहल्ले में ताजिया निकाला गया। साथ ही परंपरागत हथियारों से लोगों ने अपनी कला का प्रदर्शन भी किया। मुहर्रम को लेकर इमामबाड़ा समेत अन्य स्थानों पर हरे झंडे लगाये गये हैं। शुक्रवार को भी मुहर्रम का रोजा रखे हुए हैं। शहर के विभिन्न मुहल्ले से रात में गोपाली चौक के पास ताजिया पहुंचेगा। देर रात ताजिया का पहलाम होगा। कोईलवर से संवाद सूत्र के अनुसार मुहर्रम की नवमी को अकीदतमंदों के घरों में गुरुवार शाम से फातेहा-नेयाज का सिलसिला शुरु हुआ। मलीदा, खिचड़ा, मिठाई व शरबत आदि का फातिहा किया गया। इमामबाड़े पर भी फातिहा-नेयाज किया गया। कोईलवर नगर क्षेत्र में चार इमामबाड़े के अलावा मुस्लिम आबादी वाले ग्रामीण क्षेत्रों में भी इमामबाड़े हैं। इन्हें झंडों आदि से सजाया गया है। गुरुवार की देर शाम ताजिया जुलूस निकाला गया। इनमें लाठी-डंडों से पारंपरिक खेलों का जगह-जगह प्रदर्शन किया गया। अकीदतमंद इन दिनों में रोजा भी रखते हैं। पूरा माहौल मुहर्रममय है। प्रशासन ने शांति व्य्वस्था बनाये रखने के लिए पूरी व्यवस्था कर ली है। पुलिस ने फ्लैग मार्च व गश्ती की व्यवस्था की है। जगदीशपुर से संवाद सहयोगी के अनुसार, मुहर्रम की नौंवी के अवसर पर छोटा ताजिया निकाला गया। इमाम हुसैन की शहादत की याद मे मनाये जाने वाला पर्व मुहर्रम के अवसर पर निकाले जाने वाले ताजिया को लेकर विभिन्न मोहल्लों मुहर्रम समिति द्वारा सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है। बड़ा ताजिया शुक्रवार को सुबह और शाम के वक्त निकाली जाएगी। गुरुवार की सुबह जगदीशपुर मे विभिन्न मोहल्ले से 24 छोटा ताजिया जुलूस और ढोल-नगाड़ों के साथ निकालकर वीर कुंवर ¨सह किला परिसर लाया गया। जहां पर कुछ देर रखने के बाद पुन: अपने अपने मोहल्ले के इमामबाड़े पर ले जाकर रख दिया गया। शुक्रवार की सुबह और शाम मुहर्रम की दसवीं के अवसर बड़ा ताजिया निकाला जाएगा। मुहर्रम के मद्देनजर विधि व्यवस्था को लेकर प्रशासनिक स्तर पर सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है। मजिस्ट्रेट के अलावे प्रत्येक मोड़ और चौक-चौराहों पर पुलिस बल को तैनात किया गया है, ताकि किसी तरह की परेशानी नहीं हो।