पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी के खिलाफ माले ने निकाला प्रतिवाद मार्च
आरा। आंदोलनकारी पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी और महिला पुलिसकर्मियों के कथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ भाकपा माले के राज्यव्यापी विरोध के सिलसिले में पार्टी कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को स्थानीय माले कार्यालय से एक प्रतिवाद मार्च निकाला।
आरा। आंदोलनकारी पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी और महिला पुलिसकर्मियों के कथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ भाकपा माले के राज्यव्यापी विरोध के सिलसिले में पार्टी कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को स्थानीय माले कार्यालय से एक प्रतिवाद मार्च निकाला। प्रदर्शनकारी सड़कों पर आंदोलनकारी पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी वापस लो, दर्ज मुकदमा वापस लो, सबीता पाठक की मौत के जिम्मेदार अत्याचारी पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार करो, महिला पुलिसकर्मियों के यौन उत्पीड़न पर रोक लगाओ तथा मृतक महिला पुलिसकर्मी के आश्रित को नौकरी और 20 लाख मुआवजा दो'आदि मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए रेलवे स्टेशन प्रांगण पहुंचे और एक सभा आयोजित की। सभा का संबोधित करते हुए माले नगर सचिव दिलराज प्रीतम ने कहा कि पुलिसकर्मी भी सरकारी कर्मचारी हैं, न कि किसी राजदरबार के नौकर। उन्हें लोकतांत्रिक अधिकार प्राप्त है। उन्हें बिना कोई कारण पूछे सीधे निलंबन व बर्खास्तगी करना पूरी तरह गैर लोकतांत्रिक, अन्यायपूर्ण व तानाशाही कार्रवाई है। उन्होंने कहा कि महिला पुलिस सबिता पाठक की डेंगू से मौत के बाद पुलिसकर्मियों ने आक्रोश जताया था। मौत के मामले में दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए थी। इसके विपरित आंदोलनकारियों की बर्खास्तगी, कई प्राथमिकी और अब गिरफ्तारी की कार्रवाई पुलिस मैनुएल के खिलाफ है। सभा की अध्यक्षता आइसा नेता रंजन कुमार ने किया। अन्य शामिल वक्ताओं में आइसा जिलाध्यक्ष शब्बीर कुमार, संगीता ¨सह, पप्पू राम, यदुनंदन चौधरी, रामानुज, विजय कुमार, अजय कुमार गांधी, बालमुकुंद चौधरी, सुरेश पासवान, अभिषेक कुमार, विकास कुमार, सुधीर कुमार, राजू कुमार, धन जी, सुमित कुमार, अमन, दशरथ ¨सह, चंदेश्वर, निर्मल शर्मा, कविलास साव, कविन्द्र प्रसाद, शशिनाथ त्रिपाठी, मुन्ना गुप्ता, हरिनाथ राम एवं दीनानाथ ¨सह आदि थे।