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अब पैदल नहीं होगी एलटीएफ टीम, अनुबंध पर गाड़ियां लेंगी जिला पुलिस

अवैध शराब के विरुद्ध अभियान में लगी जिला पुलिस की एलटीएफ टीम अब पैदल नहीं होगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Aug 2022 04:00 AM (IST)Updated: Fri, 05 Aug 2022 04:00 AM (IST)
अब पैदल नहीं होगी एलटीएफ टीम, अनुबंध पर गाड़ियां लेंगी जिला पुलिस
अब पैदल नहीं होगी एलटीएफ टीम, अनुबंध पर गाड़ियां लेंगी जिला पुलिस

अब पैदल नहीं होगी एलटीएफ टीम, अनुबंध पर गाड़ियां लेंगी जिला पुलिस

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जागरण संवाददाता, आरा: अवैध शराब के विरुद्ध अभियान में लगी जिला पुलिस की एलटीएफ टीम अब पैदल नहीं होगी। जिला पुलिस अब इसके लिए अनुबंध पर गाड़ियां लेगी। इसके लिए मुख्यालय को प्रस्ताव भेज दिया गया है। एसपी संजय कुमार सिंह ने बताया कि 16 गाड़ियों को अनुबंध पर लेने का प्रस्ताव भेजा गया है। पहले मद्य निषेद्य विभाग से इसके लिए राशि दी जाती थी। लेकिन, अब आने वाले दिनों में गृह विभाग से राशि का आवंटन होगा। बता दें कि एक अगस्त से ही उत्पाद विभाग एवं मद्य निषेद्य विभाग ने गाड़ियों को वापस ले लिया है। इसे लेकर मुख्यालय से एक आदेश जारी हुआ था। इसके पीछे टीम के प्रभावकारी नहीं होने एवं सीमित बजट का हवाला दिया गया था। गौरतलब है कि भोजपुर जिले में मद्य निषेद्य सह उत्पाद विभाग की ओर से करीब 16 गाड़ियां अनुबंध पर लेकर उपलब्ध कराई गई थी। जिसकी मदद से एलटीएफ की टीम लगातार अभियान चला रही थी।

आठ टीमें करती है काम

मद्य निषेद्य सह उत्पाद विभाग ने भोजपुर पुलिस को जो 16 गाड़ियां उपलब्ध कराई थी उसे अलग-अलग क्षेत्र में गठित आठ एलटीएफ टीमों को दी गई थी। प्रत्येक टीम को दो गाड़ियां उपलब्ध कराई गई थी। इसमें आरा मुफस्सिल, बड़हरा, शाहपुर, जगदीशपुर, उदवंतनगर, संदेश व सहार में गठित एलटीएफ टीम को अभियान के लिए गाड़ियां उपलब्ध कराई गई थी। जिससे की अवैध शराब के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान में मदद मिल सके। एसपी ने बताया कि पूर्व की तरह ही एलटीएफ टीम को दो-दो गाड़ियां उपलब्ध कराई जाएंगी।

अपनी शर्त पर निजी गाड़ियों को अनुबंध पर लेगी पुलिस

पहले मद्य निषेद्य सह उत्पाद विभाग की ओर से भोजपुर पुलिस को अनुबंध पर जो गाड़ियां उपलब्ध कराई गई थी उस पर हर महीने करीब साढ़े चार लाख रुपये खर्च हो रहे थे। अगर विभागीय सूत्रों की मानें तो उत्पाद विभाग ने प्रत्येक गाड़ी को करीब 28 हजार रुपये अनुबंध पर लेकर जिला पुलिस को उपलब्ध कराया था। इसमें चालक का खर्च भी शामिल था। तेल भी दिया जा रहा था। अब जिला पुलिस गृह विभाग के गाइड लाइन पर अपने शर्त के अनुसार गाड़ियों का अनुबंध पर लेगी।


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