बदलते मौसम में मरीजों की बढ़ी संख्या
भोजपुर। वर्षा ऋतु में मौसम के रह-रहकर बदलते मिजाज अर्थात कभी झमाझम बारिश, कभी धूप और
भोजपुर। वर्षा ऋतु में मौसम के रह-रहकर बदलते मिजाज अर्थात कभी झमाझम बारिश, कभी धूप और कभी भीषण गर्मी के कारण वायरल फीवर, टाइफाइड, डायरिया व उदर रोग तथा चर्म रोग का प्रकोप काफी बढ़ गया है। इसका जायजा लेने जब यह संवाददाता कोईलवर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचा तो ओपीडी. में मरीजों को देखती डा. नीलम कुमारी ने उक्त अनुमान की पुष्टि करते हुए बताया कि आम दिनों में ओ.पी.डी. में मरीजों का आंकड़ा तीन अंक पर शायद ही पहुंच पाता था जबकि विगत करीब एक पखवारा से दो गुना अर्थात डेढ़ दो सौ हो जा रहा है। आये रोगियों में अधिकतर को वायरल फीवर अर्थात सर्दी, खांसी, बुखार की शिकायत मिल रही है। इससे भूख की कमी व कमजोरी आम बात है। उबरने में सप्ताह भर लग जा रहा है। डा. नीलम ने बताया कि इस समय पी.एच.सी. को पर्याप्त दवाओं की आपूर्ति की गई है उक्त रोगों की औषधि के अलावा अन्य रोगों की दवाएं टॉनिक व एंटी रेबीज आदि की दवाएं भी हैं।
कोईलवर शहर के जाने माने होमियोपैथ चिकित्सक डा.बिजेन्द्र प्रसाद गुप्ता भी अपनी निजी क्लिनिक में रोगियों से घिरे मिले। उन्होंने भी कहा कि वायरल फीवर (जुकाम) व चर्म रोग का प्रकोप काफी बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि होमियोपैथ में इसका समुचित इलाज है। लक्षण के अनुसार चिकित्सक बरायनिया, बेलाडोना, इपिटोरिम, एकोनाइट व रस्टक्स आदि दवाओं से इलाज करते हैं। चिकित्सक से सम्पर्क व परामर्श जरूरी है।
राज्य का इकलौता मानसिक आरोग्यशाला कोईलवर में भी रोगियों की भीड़ दिखी। अधीक्षक डा. के.पी.शर्मा ने पूछने पर बताया कि यह मौसम स्वास्थ्य के नजरिया से अनुकूल नहीं है। मानसिक रोग व रोगियों के लिए भी प्रतिकूल है।