अवैध बालू ढुलाई में दोबारा पकड़े गए तो वाहन नीलाम : डीएम
भोजपुर जिले में बालू के अवैध खनन व परिवहन पर रोकथाम के लिए प्रशासन की ओर से लगातार सख्ती जारी है।
जागरण संवाददाता, आरा : भोजपुर जिले में बालू के अवैध खनन व परिवहन पर रोकथाम के लिए प्रशासन की ओर से लगातार सख्ती जारी है। नियमों को कड़ाई से पालन किया जा रहा है। इस दिशा में जिलाधिकारी राज कुमार ने परिवहन में शामिल वाहनों को चिह्नित करने और उसको नियंत्रित करने के लिए कड़े तेवर अपनाने का निर्देश खनन विभाग को दिया है।
उन्होंने कहा कि जो वाहन अवैध बालू परिवहन करते दोबारा पकड़े जाएंगे, उनको जब्त कर लिया जाएगा। बाद में प्रक्रिया के तहत उसे नीलाम कर दिया जाएगा। अभी तक जिले में गत 23 मई से अब तक कुल 39 वाहनों की अधिहरण व नीलामी की प्रक्रियाधीन है। हालांकि नियम को गत एक जून के बाद लागू किया गया है।खनन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गत 23 मई के बाद विभिन्न घाटों पर छापेमारी के बाद 339 वाहनों को जब्त किया गया है। इसमें अधिकांश वाहन जुर्माने की राशि और कोर्ट से जमानत मिलने के बाद छूट जाएंगे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। जिला प्रशासन ने एक साफ्टवेयर का निर्माण किया है, जो विभाग द्वारा दोबारा जब्त वाहनों की पहचान कर लेगा। अगर वह वाहन दोबारा अवैध परिवहन करते पकड़ा गया होगा तो उस पर नए नियम के अनुसार कार्रवाई तय होगी। वाहन मालिक को अपने वाहन से हाथ धोना पड़ेगा।
------------ सोन नद के किनारे के गांवों में हजारों वाहन जुर्माने व कोर्ट के जटिल प्रक्रिया के बावजूद अवैध बालू के परिवहन में जिले में सात हजार से अधिक वाहन शामिल हैं। परिवहन विभाग के सूत्रों के अनुसार सोन नद के तट पर बसे कोईलवर, संदेश, सहार, तरारी आदि प्रखंडों में सबसे अधिक वाहन अवैध खनन में शामिल है। इसके बाद बड़हरा और आरा प्रखंड के वाहन अवैध परिवहन में शामिल है। तरारी प्रखंड के एक गांव के किसान के अनुसार जिस घर में एक बीघे भी जमीन नहीं है, उसके घर में दो से चार ट्रैक्टर हैं। सभी अवैध बालू के परिवहन में शामिल हैं। ऐसे वाहन खेती के यंत्र तक नहीं खरीदे हैं। उनके पास ट्राली है, जिसे मानक से तीन फीट ऊंची लोहे की ऊंची चादर से बनाया गया है। परिवहन विभाग के अनुसार जिले में एक हजार से अधिक ट्रक बालू के अवैध परिवहन में शामिल है। जायज वाहन का आलम है कि पिछले दिनों पकड़े गए करोड़ों के पोकलेन का भी कागज नहीं था।