दो सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही गंगा और सोन
आरा/बड़हरा। भोजपुर जिले में दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा गंगा और सोन नदी का जलस्तर। दो दिनों में अचानक तेज गति से दोनों नदियों का पानी बढ़ने के कारण जिले में अगस्त के पहले सप्ताह में बाढ़ आने का खतरा मंडराने लगा है।
आरा/बड़हरा। भोजपुर जिले में दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा गंगा और सोन नदी का जलस्तर। दो दिनों में अचानक तेज गति से दोनों नदियों का पानी बढ़ने के कारण जिले में अगस्त के पहले सप्ताह में बाढ़ आने का खतरा मंडराने लगा है। पानी बढ़ने का यही ट्रेंड बना रहा तो सोमवार को जल स्तर 51 मीटर पर पहुंचते ही गंगा नदी से पानी सकुचाही नदी के सहारे बाहर निकलने लगेगा। इसके बाद जैसे ही पानी 52 मीटर पर पहुंचेगा एक दर्जन गांव के बधार में बाढ़ का पानी फैलना शुरू हो जाएगा।
नदी में अचानक 2 दिनों से लगातार पानी तेजी से बढ़ने के कारण सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में जल्द ही बाढ़ आने की आशंका दिखने लगी है। इससे लोगों में सुरक्षा का खतरा अभी से दिखने लगा है। गंगा नदी का जलस्तर 30 जुलाई को जहां 50.27 मीटर पर था, वह बढ़ते हुए 31 जुलाई को 50.70 मीटर पर पहुंच गया है। इस प्रकार पिछले 24 घंटे में 43 सेमी पानी बढ़ा है। हालांकि पानी अभी भी डेंजर लेवल 53.8 मीटर से 2.38 मीटर नीचे है। खतरे की बात यह है कि गंगा नदी के साथ-साथ सोन नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। विगत 24 घंटे में सोन का पानी 49.10 मीटर से 49.55 मीटर पर पहुंच गया, इस प्रकार 45 सेमी पानी बढ़ा है। इधर, गंगा नदी के ऊपरी क्षेत्र बक्सर, इलाहाबाद में भी तेजी से जलस्तर बढ़ रहा है। जलस्तर 52 मीटर पर पहुंचा तो इन गांव के बधार में प्रवेश करेगा पानी
गंगा नदी का जलस्तर 52 मीटर पर पहुंचने के बाद एक दर्जन गांव के बधार में तेजी से पानी प्रवेश करने लगता है। निचले क्षेत्र के गांव में नेकनाम टोला, केशोपुर, बखोरापुर, दुबे छपरा, जिवाराय के टोला, शिवपुर दियरी, महुदही, शालिग्राम सिंह के टोला, बड़का लौहर, सिरिसिया, कुतुबपुर, मिल्की, लौवकुशपुर, फरना, गुंडी और पैगा समेत एक दर्जन गांव है। इन गांवों के बधार में सबसे पहले पानी अपना कहर मचाता है। डेंजर लेवल के समीप पाने आते ही कई गांवों की सड़कों पर चढ़ने लगता हैं। खतरे के निशान से काफी नीचे है पानी, सभी तैयारी पूरी
गंगा में फिलहाल पानी खतरे के निशान से 2.38 मीटर नीचे है, चिता की कोई बात नहीं है। संभावित बाढ़ को देखते हुए सभी प्रकार की तैयारी पूरी कर ली गई है। लगातार बांधों पर निगरानी कराने के साथ 50,000 बोरा बालू की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। - शंभू कुमार, कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण आरा