रिहंद से पानी नहीं मिलने से किसान हताश, नहीं शुरू हो सकी 90 प्रतिशत गांवों में रोपनी
जिले से मानसून रूठ गया है बची-खुची कसर रिहंद जलाशय ने हाथ खड़े करके कर दिया। इंद्रपुरी बराज से सोन नहर में आवश्यकता से बहुत कम पानी छोड़ा जा रहा है।
जागरण संवाददाता, आरा : जिले से मानसून रूठ गया है, बची-खुची कसर रिहंद जलाशय ने हाथ खड़े करके कर दिया। इंद्रपुरी बराज से सोन नहर में आवश्यकता से बहुत कम पानी छोड़ा जा रहा है। भोजपुर जिले के लिए नासरीगंज लाक से रविवार को 475 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जबकि गत वर्ष जुलाई में इसी लाक से 2200-2500 क्यूसेक पानी मिलता था। इससे सिर्फ तरारी व सहार प्रखंड के कुछ हिस्सो में पानी पहुंच पाता है।
धान उत्पादन के लिए मशहूर पीरो, चरपोखरी, गड़हनी, संदेश आदि प्रखंडों में नहर का पानी ऊंट के मुंह में जीरे से भी कम पहुंच रहा है। इसके कारण सोन का पानी नहर में अपनी आधी दूरी भी तय नहीं पाता है। नहर में आधी दूर तय करते-करते सूख जाती है। इससे किसानों में हाहाकार है। सोनवाले जिले में अकाल के हालात हैं। पहले से रोपनी के बाद आकाल पड़ते थे। फिलहाल रोपनी के लिए पानी नहीं मिल रहे हैं। इसके कारण धान के कटोरा के नाम से चर्चित भोजपुर जिले में बमुश्किल से 10 प्रतिशत रोपनी शुरू हुई है। सावन वाले माह में रोपनी वाली खेत में दरार है। धूप इतनी तप रही है कि खेत पर काम करना मुश्किल है।
एक जून से नहीं मिल रहा रिहंद से पानी अमरकंटक के पहाड़ी क्षेत्र में वर्षा कम हुआ। इसके कारण रिहन्द जलाशय से एक जून से सोन नहर को पानी नहीं मिल रहा है। सोन नहर कमांड एरिया में जल संकट गहरा गया है। रिहंद जलाशय में पानी नहीं होने की बहानेबाजी कर बराज को पानी उपलब्ध नहीं करा रहा है। आरा मुख्य नहर की लंबाई 84.50 किमी है। इसमें पानी 58 किमी ही पहुंच पाता है। डुमरांव शाखा नहर की लंबाई 64.80 किमी है। बिहिया शाखा की लंबाई 49 किमी है। इसमें 35 किमी नहर में पानी पहुंच पाता है। कोईलवर वितरणी 46 किमी लंबी है। इसमें 21 किमी पानी पहुंचता है। भोजपुर वितरणी की दूरी 51 किमी है। इसमें 26 किमी तक पानी पहुंच पाता है।