बाल-बाल बचे पूर्वा एक्सप्रेस में आरा से सवार हुए दर्जनों यात्री
दानापुर रेलमंडल के आरा रेलवे स्टेशन से दिल्ली की तरफ जाने के लिए पूर्वा एक्सप्रेस में सवार हुए दर्जनों यात्री बाल-बाल बच गए।
आरा। दानापुर रेलमंडल के आरा रेलवे स्टेशन से दिल्ली की तरफ जाने के लिए पूर्वा एक्सप्रेस में सवार हुए दर्जनों यात्री बाल-बाल बच गए। फिर भी इस हादसे की खबर सुन आरा रेलवे स्टेशन पर उस ट्रेन में सवार यात्रियों के परिजन शनिवार को दिनभर अपने सगे संबंधियों का हाल जानने को हलकान होते रहे। कितु आरा रेलवे स्टेशन पर इस हादसे में घायल हुए यात्रियों के बारे में जानकारी देने की कोई व्यवस्था नहीं थी। फिर भी संबंधित स्टेशन का हेल्प लाइन नंबर जानने के लिए भारी संख्या मे लोग इंक्वायरी काउंटर पर उमड़ते रहे। बता दें कि शुक्रवार की शाम में 5:54 बजे आरा से खुली पूर्वा एक्सप्रेस में 30 यात्रियों ने रिजर्वेशन कराया था। जिसमें स्लीपर कोच में 16 यात्रियों ने टिकट बुक कराई थी। एस-4 व एस-5 में अभिजीत कुमार, कुंदन कुमार, राकेश कुमार सिंह, पूजा, अफजल लतीफ, अभिषेक कुमार, संतोष कुमार, सोनू कुमार, राजकुमार, प्रतिमा देवी, मुकेश कुमार, राहुल कुमार, कविता देवी, नगेंद्र चौधरी, मिथिलेश कुमार, विकी कुमार का बर्थ कन्फर्म था। वही ऐसी कोच में 14 यात्रियों ने बर्थ रिजर्व कराया था। जिसमें धर्मदेव सिंह, मुरारी मिश्रा, अरविद कुमार सिंह, संतोष कुमार, एस ए हुसैन, दिनेश तिवारी, सियाराम, फैजल, आर सिंह, प्रशांत गुप्ता, कमलेश्वर तिवारी, मनीष कुमार, अभिषेक कुमार, मनोज कुमार का एसी कोच के बी 2 व बी 3 में रिजर्वेशन था। इसके अलावा जेनरल बोगी में भी दर्जनों यात्री आरा से सवार हुए थे। लेकिन जाको राखे साइयां, मार सके न कोय वाली कहावत इन यात्रियों के साथ चरितार्थ हुई और आरा रेलले स्टेशन से पूर्वा में सवार हुए सारे यात्री इतने बड़े हादसे के बाद भी बाल-बाल बच गए। घटना के बारे में मिली जानकारी के मुताबिक हावड़ा से दिल्ली जा रही पूर्वा एक्सप्रेस (12303) ट्रेन कानपुर से पहले रूमा के पास शुक्रवार की देर रात 12.54 बजे दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। इस दौरान ट्रेन के 12 कोच पटरी से उतर गए, इसमें दो पैंट्री कार और छह स्लीपर व एसी कोच शामिल हैं। आरपीएफ के मुताबिक पूर्वा एक्सप्रेस में आगे की ओर से जनरल डिब्बे लगे हुए थे। जबकि पैंट्री कार से पीछे एसी के कोच लगे थे। पैंट्री कार से ट्रेन दो भागों में बंट गई। इनमें वातानुकूलित कोच भी शामिल हैं। पूर्वा एक्सप्रेस को कानपुर सेंट्रल पर करीब 12.05 बजे पहुंचना था और वह पहले से ही एक घंटे 12 मिनट देरी से चल रही थी। उत्तर रेलवे के पीआरओ अमित मालवीय के मुताबिक अभी तक हादसे में किसी की मौत की पुष्टि नहीं हुई है। 50 से 60 लोगों के घायल होने की सूचना है। घायलों को पहले कांशीराम ट्रामा सेंटर भेजा गया। वहां से कुछ को एलएलआर अस्पताल (हैलट) रेफर किया गया। हादसे के वक्त सभी यात्री गहरी नींद में थे। पैंट्री कार के कर्मचारी रायबरेली निवासी सतेंद्र कुमार ने बताया कि अचानक तेजी से झटका लगा। ऐसा लगा कि किसी ने तीन चार बार डिब्बे को पलट दिया हो। इसके बाद पटरी से डिब्बे अलग हो गए। चीखपुकार मच गई। वहीं स्लीपर कोच में सवार लखीसराय बिहार निवासी पवन सिंह और औरंगाबाद बिहार निवासी रविद्र ने बताया कि अचानक आंखों के सामने अंधेरा छा गया और चीखपुकार सुनाई दी। इधर कानपुर से स्वास्थ्य विभाग की 16 एंबुलेंस घटनास्थल पर भेजी गई थी। साथ ही 11 एंबुलेंस फतेहपुर से और तीन एडवांस लाइफ सपोर्टिंग एंबुलेंस भी मौके पर मौजूद थी।