सीएस ने जगदीशपुर व बिहिया के चिकित्सा प्रभारी को किया तलब
जगदीशपुर अनुमंडल क्षेत्र में पागल कुत्ते के काटने के बाद दो बच्चों की मौत रेफरल अस्पताल द्वारा एंटी रैबीज वैक्सिन का पर्याप्त डोज उपलब्ध नहीं कराने तथा बिहिया पीएचसी में एंटी रैबीज वैक्सिन उपलब्ध नहीं होने के मामले में सिविल सर्जन भोजपुर एलपी झा ने जगदीशपुर तथा बिहिया के चिकित्सा प्रभारियों को सोमवार को अपने कार्यालय कक्ष में तलब किया है।
आरा। जगदीशपुर अनुमंडल क्षेत्र में पागल कुत्ते के काटने के बाद दो बच्चों की मौत, रेफरल अस्पताल द्वारा एंटी रैबीज वैक्सिन का पर्याप्त डोज उपलब्ध नहीं कराने तथा बिहिया पीएचसी में एंटी रैबीज वैक्सिन उपलब्ध नहीं होने के मामले में सिविल सर्जन, भोजपुर एलपी झा ने जगदीशपुर तथा बिहिया के चिकित्सा प्रभारियों को सोमवार को अपने कार्यालय कक्ष में तलब किया है। उन्होंने बताया कि कर्तव्य में लापरवाही बरतने में मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही जिस पीएचसी में एंटी रैबीेज वैक्सिन उपलब्ध नहीं है, वहां यथाशीघ्र वैक्सिन उपलब्ध करा दी जाएगी।
बता दें कि बिहिया पीएचसी में दवा की कमी अक्सर चर्चा में रहती है पर इसे संयोग कहें या कुछ और कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिहिया में फिलहाल दवा की उपलब्धता के मामले में सबकुछ ठीक है। पर, दुर्भाग्यवश बिहिया के पीएचसी में एंटी रैबीज वैक्सिन नहीं है। जबकि बिहिया से संबंधित जगदीशपुर अनुमंडल क्षेत्र में पागल कुत्ते के काटने से एक माह के अंदर दो बच्चों की मौत हो चुकी है। विगत 17 मार्च को इसी अनुमंडल के महुरही गांव में एक कुत्ते ने पांच लोगों को काट खाया था। इनमें एक बच्ची की मौत विगत 21 मार्च को हो गई थी। जबकि एक अन्य बच्चे ने शनिवार को दम तोड़ दिया। बताया जाता है कि महुरही गांव में विगत 17 मार्च को एक पागल कुत्ते ने रानी शर्मा, गुड़ी कुमारी, दशई यादव और गुड्डू कुमार को काट लिया था। तब परिजनों द्वारा जगदीशपुर रेफरल अस्पताल में एंटी रैबीज इंजेक्शन दिलवाया गया था। लेकिन इंजेक्शन दिलवाने के चार दिन बाद ही उमेश शर्मा की 10 वर्षीय पुत्री रानी शर्मा की मौत हो गई। अब शनिवार को कविनंदन यादव के 14 वर्षीय पुत्र गुड्डू कुमार की भी मौत हो गई। बताया जाता है कुत्ता काटने की घटना के एक माह बाद 20 अप्रैल को गुड्डू कुमार अचानक कुत्ते की तरह बोलने लगा। तब परिजनों द्वारा उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था कि रास्ते में ही गुड्डू की मौत हो गई। कुत्ता काटने वाली इस घटना में बचे दो लोगों के परिजन सहित गांव के लोग चितित हैं और पूरे गांव में भय का माहौल है।
ग्रामीणों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधक द्वारा एंटी रैबीज के तीन इंजेक्शन का डोज नहीं दिया गया था। अस्पताल प्रबंधक ने तीन की जगह एक ही इंजेक्शन देकर अपना कोरम पूरा कर लिया।
बहरहाल बिहिया पीएचसी में एआरभी (एंटी रैबीज वैक्सीन) को छोड़कर सभी तरह की दवाएं उपलब्ध हैं। दवाओं की उपलब्धता ओपीडी और इमरजेंसी दोनों जगह जरूरत के अनुसार है।
पड़ताल के दौरान ओपीडी दवा वितरण काउंटर संभाल रहे फार्मासिस्ट अनिल कुमार ने न केवल दवा की उपलब्धता के बारे में विस्तृत जानकारी दी बल्कि उसका सैंपल भी प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि अस्पताल में फिलहाल उल्टी, पेट दर्द, एलर्जी, बुखार, खांसी, दाद-एक्•िामा, दर्द, जलने से सम्बंधित तीन तरह के मलहम, दो अलग-अलग कांबिनेशन की दो तरह के एंटीबायोटिक के साथ ही बच्चों के लिए भी उल्टी, पेट दर्द, एलर्जी सहित लगभग 35 तरह की दवाएं और अन्य जरूरी संसाधन उपलब्ध हैं। वही इमरजेंसी संभाल रही एएनएम पूनम कुमारी ने बताया कि इमरजेंसी में भी दर्द, पेट दर्द, उल्टी, लोकल एनेस्थिसिया की सुई जो पहले उपलब्ध नहीं था के अलावा दमा रोग की सुई व एंटीबायोटिक दवाएं उपलब्ध हैं। इसके साथ बैंडेज, पट्टी सहित सभी तरह के स्लाइन भी उपलब्ध हैं। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि अस्पताल में दवा की कमी अब कल की बात हो चुकी है। यहां सबकुछ एडवांस चल रहा है। दवा की उपलब्धता की मॉनिटरिग उनके स्तर से की जाती है।
-------------------
शाहपुर रेफरल अस्पताल में नहीं मिलती थी सभी दवाइयां
संवाद सूत्र, शाहपुर : शाहपुर स्थित रेफरल अस्पताल में आमतौर पर सभी तरह की दवाइयां कभी-कभार ही उपलब्ध हो पाती हैं। परंतु शनिवार के दिन पड़ताल करने पर अस्पताल में सभी तरह की दवाइयां उपलब्ध पाई गई। जिसमें गर्मी के दिनों में त्वचा, यकृत, पेट तथा सर्दी जुकाम जैसी बीमारियों के लिए दवाइयां प्रचूर मात्रा में थी। साथ ही साथ अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा उप स्वास्थ्य केंद्रों पर भी सभी तरह की दवाइयों को रेफरल अस्पताल के माध्यम से भेजा जा चुका है। शाहपुर अस्पताल के प्रभारी डॉ. केपी महतो ने बताया कि यहां दवाओं का स्टॉक पूरा है। हालांकि एंटी रैबीज इंजेक्शन उपलब्ध नहीं थे। एडवांस में दवा लेने के लिए पत्र भी दे दिया गया है। शाहपुर जैसे बड़े दियारा क्षेत्र के लिए एंटी रैबीज का होना बहुत जरूरी है। जो फिलहाल नहीं है लेकिन दो दिनों के भीतर उपलब्ध करा देने का आश्वासन दिया गया। प्रखंड में 5 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा 32 स्वास्थ्य केंद्र फिलहाल कार्यरत हैं।