छठ महापर्व को लेकर हर तरफ तैयारियों की धूम
कोरोना काल में छठ महापर्व को लेकर शहर से गांवों तक चारों तरफ श्रद्धालुओं की उत्साहपूर्वक तैयारी की धूम दिखाई देने लगी है। वहीं जिला नगर निगम प्रशासन और पंचायत प्रशासन अपने-अपने स्तर से तालाबों की साफ-सफाई समेत अन्य व्यवस्था में लगी है। कोरोना को लेकर भी प्रशासन की कड़ी नजर है।
भोजपुर । कोरोना काल में छठ महापर्व को लेकर शहर से गांवों तक चारों तरफ श्रद्धालुओं की उत्साहपूर्वक तैयारी की धूम दिखाई देने लगी है। वहीं जिला, नगर निगम प्रशासन और पंचायत प्रशासन अपने-अपने स्तर से तालाबों की साफ-सफाई समेत अन्य व्यवस्था में लगी है। कोरोना को लेकर भी प्रशासन की कड़ी नजर है। चारों तरफ छठ मईया की गीतों की गूंज बढ़ती जा रही है। घर से लेकर घाटों तक की साफ-सफाई के साथ-साथ गेहूं व चावल की खरीदारी-सफाई का काम शुरू कर दिया गया है।
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महापर्व को लेकर घर लौट रहे लोग :
छठ महापर्व के लिए एक तरफ अपने घर से देश के दूर दराज प्रांतों में नौकरी अथवा निजी काम करने वाले लोग लौट रहे हैं। दूरदराज से आने वाली अधिकतर ट्रेनों से जो यात्री यहां उतर रहे हैं। वे सभी अपने घर में हो रहे पूजा में शरीक होना चाहते है। पुणे से लौट रहे बंधन टोला निवासी छात्र शशांक कुमार ने बताया कि मां और चाची व्रती है। दिल्ली से लौट रहे कसाप निवासी व प्राइवेट कंपनी में कार्यरत अनूप कुमार ने बताया कि घर में दो-दो बहुएं पूजा करने वाली हैं। हरियाणा में संदेश के अखगांव निवासी व एचडीएफसी बैंक में कार्यरत अभिषेक कुमार ने बताया कि मैं और पत्नी पहली बार छठ पूजा करेंगे।
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सड़कों पर सजने लगीं सूप, फल व पूजा सामग्री की दुकानें :
सड़कों से दुकानों तक छठ पूजा के फल व पूजन सामग्री की दुकानें बढ़ती जा रही हैं। कई जगह सूप, नारियल समेत अन्य फलों की दुकानें सज गई है। वैसे तो हर सामग्री पर महंगी का असर दिखाई दे रहा है लेकिन कद्दू का मूल्य आसमान छू रहा है। छोटी कद्दू 60 रुपये और बड़ी कद्दू 80 रुपये तक बिक्री हो रहा है। सूप 40-60 रुपये तक बिक्र रहा है। वक्त के अनुसार जितने दुकानों की संख्या बढ़ी है। उसी के अनुरूप वस्तुओं का मूल्य भी बढ़ गया है। पूजा के लिए साफ गेहूं का मूल्य 25-30 रुपये प्रति किलो मिल रहा है। श्रद्धालु पूजा की आवश्यक सामग्री की खरीदारी कर रहे हैं।
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घर-घर में साफ-सफाई में हर लोग जुटे :
आस्था का महापर्व के रूप में चर्चित छठ पूजा के लिए घर-घर में श्रद्धा व उत्साह बढ़ गया है। परिवार में हर उम्र के लोग स्वच्छता व पवित्रता का पालन अभी से करने लगे हैं। श्रद्धालु परिवार अपने पूरे घर, आंगन और छत की पानी से धुलाई के साथ-साथ लिपाई अथवा चुना पुताई का अभियान तेज गति से करने में जुटे हैं। पूजा में चढ़ाने के लिए गेहूं और चावल की खरीदारी से लेकर धुलाई-पिसाई का काम चरम पर है। व्रतियों के लिए कपड़े और बिछावन की भी साफ-सफाई का काम किया जा रहा है।
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छठ महापर्व पर पूजा गीत की धूम :
छठ महापर्व को लेकर घर-घर में छठ मईया की गीत व्रतियों में श्रद्धा व उत्साह को और भी भक्तिमय मना रहे हैं। सोशल मीडिया कई गायक-गायिकाओं द्वारा गाए गीतों की गूंज सुबह से घर-घर में सुनाई दे रही है। वहीं सड़कों पर जहां-तहां छठ गीतों की धूम में पूरा वातावरण भक्तिमय हो चला है। प्रख्यात लोक गायिका शारदा सिन्हा द्वारा छठ पूजा पर गीतों को अधिक पसंद किया जा रहा है। जिसमें सबसे चर्चित गीत कांचहि बांस के बहंगिया, दउरा लचकत जाए' ही आज भी घर-घर में गुंजायमान है।