शिक्षक व विद्यार्थियों की उपस्थिति का निगरानी करेगा एप
माध्यमिक विद्यालय की तरह अब विश्वविद्यालयों में भी वर्ग संचालन की निगरानी की जाएगी।
शिक्षक व विद्यार्थियों की उपस्थिति का निगरानी करेगा एप
राणा अमरेश सिंह, आरा : माध्यमिक विद्यालय की तरह अब विश्वविद्यालयों में भी वर्ग संचालन की निगरानी की जाएगी। विश्वविद्यालय व विभिन्न कालेजों में वर्ग संचालन की निगरानी उच्च शिक्षा विभाग करेगा। इसके लिए उच्च शिक्षा के निर्देश में विश्वविद्यालय एप बनाएगा। इसके लिए यूजीसी से राजभवन को निर्देश दिया है। यह नई शिक्षा नीति के तहत दिशा-निर्देश किया गया है। इससे कालेजों में शिक्षकों के लेटलतीफी पर रोक लगेगी। वर्ग में छात्रों की उपस्थित का पता चलेगा। ऐसा निर्देश सूबे के सभी विश्वविद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था को पटरी लाने के लिए किया गया है।
विद्यालय की तरह विश्वविद्यालय में छात्रों की तादाद निरंतर घट रही है। यह सभी के लिए चिंता का विषय है। पिछले दिनों दिल्ली में हुई यूजीसी की बैठक में कुलपति प्रो. केसी सिन्हा शामिल हुए थे। इसके बाद राजभवन में कुलपति व प्रतिकुलपतियों की बैठक हुई। जिसमें इसकी चर्चा हुई। अंगीभूत व संबद्ध कालेजों में वर्ग संचालन हो इसके लिए एप का निर्माण करने की आवश्यकता पर बल दिया गया। एप के माध्यम से सभी कालेजों में वर्ग संचालन संभव है। सभी कालेजों में वर्ग संचालन चले इसके लिए अनुश्रवण की व्यवस्था लागू की जाएगी। इसके लिए विश्वविद्यालय के स्तर से समेकित स्तर पर एप बनाने की कार्रवाई की जाएगी। इससे विश्वविद्यालय सभी कालेजों में वर्ग संचालन की अनुश्रवण कर सकता है। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी कुलपतियों को पत्र भेजा है। जिसमें इसकी चर्चा की गई है।
विश्वविद्यालय में 17 अंगीभूत और 40 संबद्ध कालेज
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में 17 अंगीभूत, एक सरकारी और 40 संबद्ध कालेज हैं। इसके अलावा 20 बीएड कालेज हैं। इनमें करीब तीन लाख छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। इन कालेजों में किस समय कौन कक्षाएं चल रही है। एप के माध्यम से देखा जा सकता है। एप के माध्यम से देखा जा सकता है कि किस शिक्षक का क्लास था और कौन शिक्षक पढ़ा रहे हैं। नामांकित छात्रों में कितने वर्ग में उपस्थित हैं। सब कुछ एप से देखने को कहा गया है। इससे शिक्षक व छात्र का एक साथ निगरानी की जा सकती है।
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वर्ग संचालन में सम्बद्ध कालेजों की खुलेगी पोल
एप से निगरानी करने पर सबसे अधिक फजिहत संबद्ध कालेजों की होगा। विश्वविद्यालय के सभी अंगीभूत कालेजों में अधिसंख्य विषयों में वर्ग संचालन होता है। भले से उपस्थित इक्का-दुक्का क्यों नही हो। जिन विषयों में शिक्षक नहीं हैं, उसमें वर्ग संचालन नहीं होता है। जिन कालेजों में वर्ग संचालन नहीं होता है, उसमें संबद्ध कालेज शीर्ष पर है। 99 प्रतिशत संबद्ध कालेजों में शिक्षक का नाम कागज पर चलता है। वे कालेज संचालक के नजदीकी लोगों में से होते हैं। इन कलेजों का दरवाजा बमुश्किल से खुलता है। अगर खुला तो समझिये कि उसमे परीक्षा अथवा विशेष आयोजन चल रहा है। कई बार विश्वविद्यालय की ओर से किसी अधिकार का संबद्ध कालेज में जाना हुआ तो पाया गया कि मुख्य गेट का ताला बंद है।