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आरा में आठ माह के बाद खुले विवि में नहीं लौटी रौनक

आठ माह बाद वीर कुंवर सिंह विवि 23 नवंबर को खुला लेकिन विवि में कहीं रौनक नहीं दिख रही।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 10:03 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 10:03 PM (IST)
आरा में आठ माह के बाद खुले विवि में नहीं 
लौटी रौनक
आरा में आठ माह के बाद खुले विवि में नहीं लौटी रौनक

आरा। आठ माह बाद वीर कुंवर सिंह विवि 23 नवंबर को खुला, लेकिन विवि में कहीं रौनक नहीं दिख रही। विद्यार्थियों का हुजूम विवि परिसर में गायब है। ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों की पढ़ाई बंद है। विभागों में शिक्षकों की उपस्थिति संतोषजनक नहीं है। अभी तक कई शिक्षक दिवाली व छठ की पूजा के बाद लौटे नहीं। जबकि विवि प्रशासन ने ऑफलाइन पढ़ाई यानी कक्षा संचालन के लिए विगत 9 सितंबर को सूचना निर्गत की थी। कोरोना महामारी के कारण विवि को विगत 23 मार्च से छात्र-छात्राओं के लिए बंद कर दिया गया था। हालांकि बीच में शिक्षकों को आने का निर्देश था। सभी कॉलेजों व पीजी विभागों के बेंच और कुर्सियों पर विगत आठ माह से धूल की परतें जमी हुई है। विभागों के कमरे के दरवाजों के लटके ताले तक नहीं खुले हैं। उधर विवि में स्नातक, पार्ट वन, सत्र 2019-22 की परीक्षा फार्म भरने की तिथि खत्म हो चुकी है। वहीं स्नातक, पार्ट वन, सत्र 2020-23 में नामांकन ऑनलाइन अपने पूर्व रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 81 हजार पार कर गया है। विवि और कॉलेजों के शिक्षकों को कार्यालय के कार्य से फुर्सत नहीं। जब लॉकडाउन में घर में थे तो ऑनलाइन स्टडी मैटरियल अपलोड होता था। फिलहाल स्नातककोत्तर हो अथवा स्नातक सभी की पढ़ाई बाधित है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक शिक्षक ने तंज कसते हुए कहा कि जब हमलोग विवि आएंगे तो ऑनलाइन स्टडी मैटरियल कैसे अपलोड करेंगे। ऐसी हालत में विवि के ऑफलाइन आदेशों का क्या मतलब है।

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इंटरनल परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में हैं व्यस्त

स्नातकोत्तर विभाग में पहले से आधे शिक्षक व कर्मचारी हैं। सेमेस्टर वन, सत्र 2019-22 की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में व्यस्त हैं। फिलहाल पीएचडी कोर्स की परीक्षा चल रही है। वहीं कई विभागों में कोर्स वर्क की परीक्षा की तैयारी बाकी है। रसायन शास्त्र विभाग में बुधवार को परीक्षा आयोजित की गई थी। वहीं जंतु विभाग, भौतिकी, वनस्पति विज्ञान, गणित जैसे एक दर्जन से अधिक विभागों मे इसकी परीक्षा बाकी है। पीजी विभाग के एक शिक्षक ने बताया कि एक दो सत्रों की इंटरनल के दो हजार उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करने में पसीना छूट गए। विभाग में मात्र दो शिक्षक हैं। कमोबेश यही हाल कला संकाय के सभी विभागों की है। जहां अभी तक इंटरनल की उत्तर पुस्तिकाओं के बंडल तक नहीं खुले हैं। विवि प्रशासन ने इन उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के मा‌र्क्स फाइल परीक्षा विभाग में भेजने का निर्देश दिया है। परीक्षा विभाग को इसका बजाप्ता रिजल्ट जारी करना है। यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार रिजल्ट को नंवबर के अंत तक जारी कर देना है।

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स्नातक पार्ट थर्ड के प्रश्न-पत्र बनाने को लेकर शिक्षक पसोपेश में

वीर कुंवर सिंह विवि के शिक्षक स्नातक पार्ट थर्ड के प्रश्न-पत्र बनाने को लेकर पसोपेश में हैं। एक शिक्षक ने बताया कि विवि प्रशासन ने स्नातक पार्ट थर्ड के प्रश्न पत्र सेट करने का निर्देश दिया है। यह निर्देश अजीबोगरीब है। दिए गए दिशा निर्देशों के अनुसार प्रश्न किस चैप्टर से है और कितना नंबर पृष्ट पर है। इसका सही उत्तर क्या होगा जैसे विस्तृत रिपोर्ट भेजना है। शिक्षक ने बताया कि यहां कार्यालय के काम से किसी को फुर्सत नहीं है और ऊपर से इतना विस्तृत प्रश्न-पत्र तैयार करने की जिम्मेवारी कौन लेना चाहेगा। इसलिए अभी तक किसी ने प्रश्न पत्र तैयार नहीं की है। जबकि विवि प्रशासन ने आगामी दिसंबर माह में परीक्षा आयोजित करने की योजना बनाई है। परीक्षा ओब्जेक्टिव होनी है। एक पेपर में सौ प्रश्न होंगे और प्रत्येक का पूर्णांक दो सौ अंक निर्धारित किया गया है।

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स्नातक के दो हजार नामांकन हुआ अपडेट

जासं., आरा: वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में स्नातक, पार्ट वन, सत्र 2020-23 में पहले आओ, पहले पाओ के तहत 24 नवंबर को हुए नामांकन में से दो हजार को अपडेट कर दिया गया। शेष पांच हजार नामांकन को अपडेट करने की प्रकिया जारी है। इसे अगले दो दिनों में कर लिया जाएगा। इसकी जानकारी छात्र कल्याण अध्यक्ष प्रो. केके सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि विभिन्न कॉलेजों में 7,670 छात्र-छात्राओं का ऑनलाइन स्पॉट नामांकन लिया गया। उसको अपडेट करने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। अब तक के सबसे अधिक नामांकन 81 हजार हो गया। विद्यार्थियों को नामांकन लेने के लिए कॉलेज जाने की आवश्यकता नहीं थी। ऑनलाइन स्पॉट नामांकन कॉलेज में लिया गया था। लेकिन इसे प्रोविजनल नामांकन माना जाता है। विवि द्वारा अपडेट करने के बाद नियमित होता है।

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पूर्व की तुलना में 18 हजार अधिक हुए नामांकन

वीर कुंवर सिंह विवि में स्नातक पार्ट 2020-23 में कुल 81 हजार नामांकन हो गया। यह अब तक सबसे अधिक नामांकन है। विगत सत्र 2019-22 में करीब 64 हजार नामांकन हुए थे। सभी अंगीभूत कॉलेजों में करीब 20 फीसद सीटें खाली रह गई थीं। एचडी जैन कॉलेज, महाराजा कॉलेज, एसबी कॉलेज, जगजीवन कॉलेज, महिला कॉलेज और सासाराम में एसपी जैन कॉलेज, श्रीशंकर कॉलेज, भभुआ में सरदार वल्लभ भाई कॉलेज के अधिकांश सीटें भर जाती थीं। जब कि शेष कॉलेजों में करीब 20 फीसद सीटें खाली रह जाती थीं। यह पहला मौका है कि विवि में अंगीभूत व संबद्धता प्राप्त कॉलेजों की सीटें भरी।

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दलालों की मिलीभगत से लिए गए फर्जी नामांकन

जासं. ,आरा: वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में फर्जी नामांकन कराने वाला गिरोह के मंसूबे पर विवि प्रशासन ने पानी फेर दिया है। छात्र कल्याण अध्यक्ष प्रो. केके सिंह ने बताया कि एक कॉलेज से सूचना दी गई कि एक छात्र का नामांकन अपडेट नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि दरअसल फर्जी नामांकन लेने वाला गिरोह दूसरे के नामांकन को अपलोड करके उसमें छेड़छाड़ कर देता है। उसके नाम की जगह अपना नाम लिख देता है और उसे लेकर संबंधित कॉलेज में अपडेट के लिए चला जाता है। फिर उसको लेकर कॉलेज के काउंटर पर अपडेट करने का अनुरोध करता है। कॉलेज में कंप्यूटर स्टॉफ जब उसके आइडी को सर्च करता है तो उसमें पिता का नाम अलग हो जाता है। नामांकित छात्र के पत्राचार पता भी भिन्न पाया जाता है। विवि प्रशासन ऐसे नामांकन को निरस्त कर दिया। इस तरह के 10 से अधिक मामले प्रकाश में आ चुके हैं। प्रो सिंह ने कॉलेज कर्मियों को अपडेट करते वक्त सतर्कता बरतने का अनुरोध किया है, ताकि फर्जी गिरोह का दाल गल नहीं सके।


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