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सोन में अवैध खनन को ले छापा, 72 गिरफ्तार, 5 नाव जब्त

जिले के कोईलवर सोन नदी स्थित अब्दुलबारी पुल के पास अवैध बालू उत्खनन के खिलाफ बुधवार को फिर बड़े पैमाने पर छापामारी की गई। छापेमारी के दौरान सोन नदी में अवैध खनन को लेकर पांच नावों को जब्त किया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 07:38 PM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2020 08:35 PM (IST)
सोन में अवैध खनन को ले छापा, 72 गिरफ्तार, 5 नाव जब्त
सोन में अवैध खनन को ले छापा, 72 गिरफ्तार, 5 नाव जब्त

भोजपुर । जिले के कोईलवर सोन नदी स्थित अब्दुलबारी पुल के पास अवैध बालू उत्खनन के खिलाफ बुधवार को फिर बड़े पैमाने पर छापामारी की गई। छापेमारी के दौरान सोन नदी में अवैध खनन को लेकर पांच नावों को जब्त किया गया। जबकि, 72 मजदूरों व नाविकों को पकड़ा गया। खनन विभाग के बयान पर केस दर्ज किया गया है। एक हफ्ते के अंदर दूसरी बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। इससे पूर्व भी आठ सितम्बर को अवैध बालू खनन रोकने को लेकर एसपी हर किशोर राय को खुद सोन नदी में उतरना पड़ा था। उस दिन भी नौ नाविकों व मजदूरों को गिरफ्तार कर पांच नावों को जब्त किया गया था। जबकि, आधा दर्जन पोकलेन मशीनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। इधर, पकड़े गए सभी मजदूर पटना,सारण व भोजपुर जिले के बताए जाते हैं

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सुबह पांच बजे से दोपहर तक चला अभियान

सुबह पांच बजे से पुलिस व खनन विभाग की टीम कोईलवर सोन नदी में उतर गई थी। सहायक खनन निदेशक प्रमोद कुमार, थानाध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा, सअनि जयजय राम पासवान व सैफ बल के जवान आदि शामिल थे। कोईलवर थानाध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा व खनन पदाधिकारी प्रमोद कुमार दल बल के साथ दो नावों पर सवार होकर नदी में उतरे। कोईलवर के दक्षिणी भाग धनडीहां से लेकर उत्तर में जमालपुर तक पुलिस ने नदी में गश्त लगा छापेमारी की। आठ घंटों तक चली छापेमारी में महज पांच नावों को पकड़ा जा सका। जबकि, 72 नाव चालक व बालू मजदूर पकड़े गए।

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सैप जवान के साथ धंधेबाजों ने की थी मारपीट

जानकार सूत्रों की माने तो नाव पर सवार बालू मजदूरों द्वारा एक दिन पूर्व खनन के सैप जवानों के साथ नोकझोंक हुई थी। जिसमें मजदूरों ने उक्त जवानों पर नाव पर रखे बांस से प्रहार किया था। हालांकि, इसकी न तो शिकायत ही दर्ज कराई गई और न धरपकड़ ही हुई थी। दरअसल खनन विभाग के इन सैप जवानों को अवैध बालू खनन रोकने के लिए कोईलवर बालू घाट पर एक मोटर बोट की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। बावजूद नावों को रोकने के बदले उनसे पैसों की वसूली में संलिप्त रहने की बात चर्चा में रहती हैं।बताया जाता है कि जुलाई से सितंबर तक पूरे तीन महीने तक जलजीवों व पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर नदियों में उत्खनन पर एनजीटी के तहत प्रतिबंध के बावजूद सोन नद के अंतिम उत्तर छोर व गंगा नदी की तरफ से आ सैकड़ों मोटर चालित बड़े नावों से बालू उत्खनन होता है।


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